क्या कभी हिन्दूओ ने अपने धर्मके सन्दर्भ में हुए अनादर का विरोध किया हैं ?-संपादक
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने एक नन के मां बनने की कहानी पर आधारित नाटक ‘एग्नेस ऑफ गॉड’ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि नाटक ‘एग्नेस ऑफ गॉड’ को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिला हुआ है। ऐसे में, इसे दिखाने पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। डायरेक्टर कैजाद कोतवाल के इस नाटक का मुंबई में सोमवार शाम शो होने वाला है। इससे पहले, रविवार को होने वाला शो रद्द हो गया था।
कैथोलिक ग्रुप भी माने
कैथोलिक ग्रुप गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद इस नाटक को दिखाए जाने को लेकर रजामंद हो गए हैं। कैथोलिक सेक्युलर फोरम (सीएसएफ) और कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने इसे दिखाए जाने का विरोध किया था। सीएसएफ का कहना था कि यह नाटक ईसाइयों की धार्मिक मान्यताओं को गलत तरीके से पेश करता है। वहीं, सीबीसीआई ने गृह मंत्री को चिट्ठी लिखकर कहा था कि यह उनके समुदाय के लाखों पादरियों की गलत छवि पेश करता है, जो ब्रह्मचर्य की जिंदगी बिताने के लिए समर्पित हैं।
क्या कहना है डायरेक्टर का
नाटक के डायरेक्टर का कहना है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने इस बारे में पुलिस से शिकायत की है। मुंबई के बाद केरल और कर्नाटक में भी यह नाटक दिखाया जाना है। डायरेक्टर का कहना है कि उनके पास सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट है और देश के अलग-अलग शहरों में कई बार यह नाटक दिखाया जा चुका है।
नाटक के बारे में
‘एग्नेस ऑफ गॉड’ न्यूयॉर्क की एक सच्ची घटना पर आधारित है। इसकी कहानी के मुताबिक, एक नन बच्चे को जन्म देती है और फिर कोर्ट में वर्जिन होने का दावा करती है। इस कहानी पर १९८५ में एक फिल्म भी बन चुकी है।
स्त्रोत : भास्कर