निष्पाप लोगों की जान लेनेवाले जिहादीयोंका समर्थन करनेवालों को देशद्रोही घोषित कर उनपर भी कडी कार्यवार्इ होनी चाहिए – सम्पादक, हिन्दूजागृति
मुंबई : मुंबई लोकल ट्रेनों में २००६ में हुए सिलसिलेवार बम धमाकोंके १२ दोषियोंका बचाव कर रहे वकीलोंने आॅल इंडियन मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से शनिवार को मुलाकात की। इस मामले में पांच को मृत्युदंड और बाकियोंको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
दोषियोंके वकीलोंने ओवैसी से मिलकर कहा कि उन्हें जानबूझ कर फंसाया गया है, जब कि वे निर्दोष हैं। ऐसे में वकील ओवैसी से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। ओवैसी से मिलने गई टीम का नेतृत्व वकील वहाब खान कर रहे थे, जिन्होंने बताया कि बैठक लगभग दो घंटे तक चली।
खान ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमने असदुद्दीन ओवैसी के साथ हर छोटी चीजोंपर बात की। उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी लीगल टीम के साथ खड़ी होगी।’ खान के मुताबिक पार्टी ने आश्वासन दिया है कि जब भी जरूरत होगी, वे इस मुद्दे को उठाएंगे।
जुलाई, २०११ में हुए इन बम धमाकों में १८९ लोगोंकी मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। घटना के नौ साल बाद केस का फैसला आया है।
११ सितंबर को कोर्ट ने १३ में से १२ आरोपियोंको सजा सुनाई थी। अभियोजन पक्ष ने १२ में से आठ आरोपियोंके लिए मौत की सजा की मांग की थी। कमाल अंसारी, मोहम्मद फैजल, एहतेशाम कुतुबुद्दीन सिद्दीकी, नावेद हुसैन खान और आसिफ खान को मौत की सजा सुनाई गई है। इन सभी को बम लगाने का दोषी पाया गया।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स