वैशाख कृष्ण पक्ष १४, कलियुग वर्ष ५११६
वॉशिंगटन : अमेरिका में एक सिख को कृपाण के साथ जूरी की ड्यूटी निभाने से रोक दिया गया। गुरसंत सिंह कैलिफॉर्निया में जूरी के पद पर तैनात हैं। हालांकि गुरसंत सिंह ने कहा कि वह अगले हफ्ते अपने समुदाय के नेताओं के साथ कोर्ट जाएंगे और कृपाण के साथ अपनी ड्यूटी का निर्वहन करने की अनुमति मांगेंगे। बता दें कि कृपाण धारण करना सिखों की आस्था से जुड़ा है। हालांकि, अदालत ने सिंह को कृपाण के साथ अदालत के कमरे में जूरी ड्यूटी करने की आज्ञा नहीं देने के अपने कदम को उचित बताया। सिंह ने बताया कि कोर्ट ने उसे ऐसी स्थिति में डाल दिया है जहां या तो वह अपने धर्म की आचार संहिता का उल्लंघन करें या फिर कानून तोड़ें।
सुरक्षा के लिहाज से उठाया कदम : कोर्ट की तरफ से सटर काउंटी की जूरी आयुक्त मेरी बेथ टॉड ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जो लोग कार्यवाही सुनने आते हैं उन्हें सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया जाए। उन्होंने कहा कि वे सिंह को अन्य विकल्प देने की कोशिश कर रहे हैं। टॉड के अनुसार वह एक ऐसा उपाय निकालने का प्रयास कर रहे हैं, जो दोनों पक्षों के लिए कारगर हो।
'मनमोहन को समन भेजें सिख समूह'
अमेरिकी अदालत ने सिख मानवाधिकार समूह 'सिख फॉर जस्टिस' से कहा कि वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को १८ जून तक समन तामील करवाएं वरना सिंह के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघन का मामला खारिज कर दिया जाएगा। सिंह के खिलाफ १९९० दशक के दौरान पंजाब राज्य में अनेक उग्रवाद निरोधी अभियानों के वित्तपोषण के आरोप में समन जारी किया गया था। मनमोहन पर आरोप लगाया गया था कि इन अभियानों में सुरक्षों बलों ने एक लाख से ज्यादा सिखों को यातनाएं दी और हत्या की।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स