वैशाख कृष्ण पक्ष चतुर्दशी, कलियुग वर्ष ५११६
हिंदुओ, लवजिहादद्वारा आपके बहनोंकी आब्रू लूटनेवाले वासनांधोंपर धाक जमने हेतु अब ‘हिंदु राष्ट्र’ स्थापित करें !
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बुलढाणा (महाराष्ट्र) : जनवरी २०१३ से अप्रैल २०१४ की कालावधिमें वासनांध जिहादीयोंद्वारा नगरके २६२ हिंदु लडकियोंको अगुवा करनेका धक्कादायी वास्तव उजागर हुआ है । परंतु एक भी दुसरे धर्म की लडकी भागकर जानेकी घटना नहीं पाई गई । (जिहादीयोंके झूठे प्रेमपर बलि चढनेवाली हिंदु युवतियोंके लिए धर्मशिक्षाकी आवश्यकता स्पष्ट करनेवाली घटना ! यदि बुलढाणासमान तुलनमें अल्प विकसित जिलेमें इतनी बडी संख्यामें लडकियां जिहादीयोंके साथ पलायन करती हैं, तो अन्य विकसित जिलोंके संदर्भमें यह अंकवारी कितनी भयानक होगी, इसका विचार ही नहीं करना चाहिए ! इस स्थितिको परिवर्तित करने हेतु राष्ट्र एवं धर्मप्रेमी राजनेता ही चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. पिछले डेढ वर्षोंमें अल्पायु हिंदु लडकियोंको विवाहका लालच दर्शाकर अगुवा करनेकी ९० घटनाएं पुलिसमें प्रविष्ट की गई हैं । (इसलिए हिंदु अभिभावकोंको चाहिए कि वे अब अपने लडकियोंको सतर्क करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
२. वर्ष २०१३ में बुलढाणेसे २२५ हिंदु लडकियोंको जिहादीयोंने अगुवा किया, जबकि जनवरी से अप्रैल २०१४ की कालावधिमें ३७ हिंदु लडकियोंको अगुवा किया गया । इनमें कुछ प्रकरणोंमें अपहरण एवं बलात्कारके अपराधोंकी भी प्रविष्टि की गई है ।
३. पलायन करनेवाली लडकियोंमें अल्पायु एवं सुशिक्षित लडकियोंकी मात्रा अधिक है ।
४. पूछताछ करनेपर स्पष्ट हुआ कि जिन हिंदु लडकियोंको जिहादीयोंने अगुवा किया, उनमें अधिकांश मुसलमान विवाहित थे । (इससे स्पष्ट होता है कि वासनांध जिहादी यह कृत्य लवजिहादके लिए ही करते हैं । लवजिहाद मिटानेके लिए अब हिंदुओंको छत्रपति शिवाजी महाराजकी साधना तथा संगठनके मार्गसे प्रयास करने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. इस विषयमें बुलढाणा नगरके पुलिस शिक्षक संयुक्त दक्षता पथकद्वारा पिछले डेढ वर्षोंमें ५०० लडके-लडकियोंको चेतावनी दी गई है । (दक्षता पथकद्वारा सचेत किए गए बच्चोंकी संख्या भी न्यून नहीं है । इन ५०० में कितने लडकोंने हिंदु युवतियोंको अगुवा किया होगा इसकी जानकारी अबतक सामने नहीं आई । उपर दी गई २६२ संख्या भी केवल उजागर प्रकरणोंकी ही है । अतः प्रत्यक्षमें उजागर न होनेवाले तथा हिंदु अभिभावकोंद्वारा जिहादीयोंके साथ अपने लडकीके विवाहको दी गई सम्मतिके प्रकरणोंकी संख्या कितने भारी मात्रामें हो सकती है, क्या हिंदु इसका विचार करेंगे ? इसलिए धर्मांध जिहादीयोंपर हिंदुओंको स्थायी रूपसे धाक जमाने हेतु ‘हिंदु राष्ट्र’ स्थापित करना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात