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शनिशिंगनापुरमें भक्तोंने किए अर्पणकी देवस्थान समितिके अधिकारियोंद्वारा लूट

वैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६

मंदिर सरकारीकरणके कारण ही देवस्थान समितिके अधिकारी ऐसा दु:साहस करते हैं !


शनिशिंगनापुर, नगर (महाराष्ट्र) : यहांके शनिशिंगनापुर देवस्थानके न्यासी मंडलका मनचाहा कारोबार सर्वत्र चर्चा का विषय हो रहा है । देवस्थानके कर्मचारी श्री.संतोष रामदास दरंदलेने (आयु ३६ वर्ष) १०० रुपयोंके मुद्रांकपर कार्यकारी दंडाधिकारी नगर एवं सहायक धर्मादाय आयुक्तको ५ अप्रैल २०१४ को सत्य प्रतिज्ञापत्रद्वारा ऐसा परिवाद किया है कि देवस्थान समितिके कार्यकारी अधिकारी, व्यवस्थापक एवं लेखापालने दानपात्रके गिने पैसोंपर ही डाका डालकर ३ लाख रुपए भगाए । इसलिए कार्यकारी अधिकारी व्यवस्थापक एवं लेखापालके विरोधमें अपराध प्रविष्ट करनेकी मांग भी की जा रही है ।

२८ लाख रुपयोंमें ३ लाख रुपयोंका अपहार ! 

१. श्री.दरंदले शनिशिंगनापुर देवस्थान न्यास (ट्रस्ट) के पास वर्ष २००६ से वाहनचालक पदपर काम कर रहे हैं । दानपात्रकी रकम गिनने हेतु यहांके सभी कर्मचारियोंको कठोर आदेश दिए गए हैं ।     

२. इसलिए प्रत्येक सोमवारको मंदिरके सभी दानपात्र खोले जाते हैं । इसके लिए श्री. दरंदले अनेक बार उपस्थित रह चूके हैं । 

३. पूर्वमें पैसोंकी गिनती होनेपर सभी कामगारोंके समक्ष कुल रकम कितनी है, बताया जाता था । परंतु इस रकमका साक्ष्यपत्र नहीं होता था । आज भी नहीं होता ।     

४. श्री. दरंदलेने परिवादमे कहा है कि २४ मार्च २०१४ को दानपात्रके रकमकी गिनती कराने हेतु मैं उपस्थित था । कुल मिलाकर रकम लगभग २८ लाख रुपए थी । कथित रकम अधिकोषमें भरने हेतु व्यवस्थापक संजय बानकरने संस्थाके सुरक्षा विभागके वाहनसे रकम ले जानेको कहा; परंतु वह रकम लेखापाल वी.एस. बानकर, लेखापाल अनिल गडाखने व्यवस्थापक संजय बानकरके कक्षमें ले जाकर फेरबदल किया ।     

५. इन २८ लाख रुपयोंमें ३ लाख रुपए चुराए गए है ऐसा पता चला । अधिकोषमें २८ लाख रुपयोंके स्थानपर केवल २५ लाख रुपए जमा किए गए ।     

६. विशेषतः जिस दिन दानपात्रकी गिनती थी, उस दिन मंदिर परिसरके सभी सी.सी.टी.वी.के छायाचित्रक (कैमरे) बंद रखे जानेकी बात सामने आई है ।  

७. कार्यकारी अधिकारी उदय बल्लाल, प्रबंधक संजय बानकर तथा लेखापाल अनिल गडाख इन अधिकारियोंने आपसमें मिलीभगत कर दानपात्रके पैसोंका अपहार कर उसे आपसमे बांट लिया है । श्री. दरंदलेने मत व्यक्त किया है, कि मंदिरके दानपात्रोंकी गिनती करते समय विश्‍वस्त मंडल, बैंक प्रतिनिधि एवं स्थानीय नागरिक उपस्थित नहीं रहते । इसका लाभ उठाया गया है है ।   

परिवाद करनेवाले संतोष दरंदलेपर अधिकारियोंका दबाव ! 

श्री. दरंदलेने देवस्थानके अधिकारियोंकी पोल खोलनेपर देवस्थानके न्यासी एवं उनके सगेसंबंधियोंको आगे कर यहांके अधिकारी श्री.दरंदलेके साथ उनके परिवारजनोंपर अधिकारी प्रकरण समाप्त करने हेतु दबाव डाल रहे हैं । 

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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