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ब्रुनेई में शरिया कानून लागू, अब अंगों को काटने और कोड़े मारने की मिलेगी सजा

वैशाख शुक्ल पक्ष ५, कलियुग वर्ष ५११६ 


ब्रुनेई में 'सख़्त' इस्लामी क़ानून लागू हो गया है।  शरिया क़ानून को ब्रुनेई में तीन साल के भीतर पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।  शरिया क़ानून के तहत चोरी के आरोप में अंगों को काट देना और व्याभिचार के आरोप में कोड़ों से मारने की सज़ा देना शामिल है। 

अपने पड़ोसी देश मलेशिया और इंडोनेशिया के मुकाबले ब्रुनेई पहले से ही सख़्त इस्लामी क़ानूनों का पालन करता आया है।  यहां शराब की बिक्री पहले से ही ग़ैर-क़ानूनी है। 

ब्रोर्नियो द्वीप पर बसे छोटे से देश ब्रुनेई में सुल्तान हसनल बोलकिया का शासन है।  देश की आमदनी का सबसे बड़ा स्रोत तेल और गैस का निर्यात है।  ब्रुनेई की कुल जनसंख्या की तीन-चौथाई आबादी मलय मुसलमानों की है।  यहां बौद्ध और ईसाई समुदायों की संख्या भी अधिक है। 

इस्लामी क़ानून

समाचारपत्र ब्रुनेई टाइम्स के अनुसार देश में शरिया क़ानून को तीन साल के भीतर पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।  अब तक ब्रुनेई में नागरिक अदालतों का आधार ब्रितानी क़ानून था।  शरिया अदालतें सिर्फ शादी और पारिवारिक मामलों तक सीमित थीं। 

शरिया क़ानून के पहले चरण में किसी अपराध के लिए जेल की सज़ा और जुर्माने का प्रावधान है। 

दूसरे चरण में अंगों के विच्छेद करने की सज़ा को लागू किया जाएगा।  तीसरे चरण में व्याभिचार और समलैंगिक अपराधों के लिए पत्थर से मारने की सज़ा शामिल होगी। 

विश्व के सबसे अमीर लोगों में शामिल, ६७  साल के सुल्तान ने पिछले साल इस क़ानून की घोषणा करते हुए इसे, 'देश के इतिहास का अंग' बताया था। 
इसकी घोषणा के बाद शरिया क़ानून को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने बहुत विरोध किया।  लेकिन, फ़रवरी में सुल्तान ने इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों को तीखे स्वर में कहा था कि वे उनकी योजना पर हमला न करें। 

अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र संघ ने ब्रुनेई के क़ानून में बदलाव की योजना पर गहरा खेद व्यक्त किया था। 

संयुक्त राष्ट्र संघ ने ब्रुनेई से अपील की थी कि वह शरिया के क़ानून को लागू करने की ज़ल्दी न करे।  संयुक्त राष्ट्र के अनुसार पत्थर मारकर किसी को मार डालना अमानवीय व्यवहार है तथा अंतरराष्ट्रीय क़ानून के अनुसार इसे बंद कर देना चाहिए। 

स्त्रोत : दैनिक भास्कर 

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