इस समाचार में पूछनेवाली बात यह है कि बहुसंख्यक हिन्दुआें के देश में यदि कोई अन्य धर्मीय स्वेच्छा से हिन्दू धर्म अपना लेता है, तो इसमें पुलिस के हस्तक्षेप की क्या आवश्यकता है । संविधान के अनुसार, धर्म, प्रत्येक नागरिक का, व्यक्तिगत विषय है । – सम्पादक, हिन्दूजागृति
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी मुख्य शहर से महज १६ किलोमीटर दूर ओसनपुर गांव स्थानीय मीडिया और लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस गांव में ३०० लोगों ने ‘घर वापसी’ की है ।
वाराणसी शहर में धर्म जागरण समन्वय समिति के लेटरहेड पर हाथ से लिखा गया एक नोट, काशी प्रंथ और ‘शुद्धिकरण’ की एक छवी वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में फैलने लगी। नोट में दावा किया गया है, ‘ग्राम देवता पूजन समिति के संयोजक चंदराम बिंद की निगरानी में ३८ परिवारों के ३१५ सदस्यों, जो कि सनातन धर्म से अलग चले गए थे, उनको अपने पूर्वजों के हिन्दू धर्म में फिर से शामिल कर लिया गया है।’
हालांकि इस नोट में घर वापसी कराने वाले ग्रामीणों के धर्म का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसमें कहा गया है, ‘उनकी विदेशी धार्मिक किताबें वापस ले ली गईं और उन्हें गीता व हनुमान चालीसा दी गई है।’ स्थानिय ग्रामीणों ने बताया कि, जिन लोगों के घरवापसी की है वे कुछ साल पहले पास ही में बने एक चर्च में जाया करते थे।
स्थानीय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं ने स्वीकार किया कि, धर्म जागरण समन्वय समिति संघ द्वारा मान्यता प्रदान की हुई एक संस्था है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स