वैशाख शुक्ल पक्ष ८, कलियुग वर्ष ५११६
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। अकेले मार्च में हिंदुओं के पांच मंदिरों को तोड़ा गया और लूटा गया। हमलावरों ने वहां न केवल मूर्तियां तोड़ीं, आग लगाई बल्कि देवी-देवताओं पर चढ़ाए गए आभूषण भी लूट लिए। पाकिस्तान के अखबार ट्रिब्यून ने एक विदेशी न्यूज एजेंसी के हवाले से यह खबर दी है।
पाकिस्तान के इतिहास में २० वर्षों में पहली बार एक महीने में पांच हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया। इसके पहले २०१३ में नौ मंदिरों पर हमले हुए थे। लाइफ फॉर ऑल नाम के एक राइट्स ग्रुप ने यह जानकारी दी है। ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में सिर्फ हिंदू ही शिकार बनाए जा रहे हैं बल्कि ईसाई, अहमदी और यहां तक कि शिया मुसलमानों पर भी हमले हो रहे हैं। लोगों का आरोप है कि नवाज शरीफ के पिछले साल प्रधानमंत्री बनने के बाद से हालात और बदतर होते जा रहे हैं।
पाकिस्तान की १८ करोड़ की आबादी में गैर मुसलमानों की संख्या काफी कम है। पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने १९४७ में कहा था कि यहां अल्पसंख्यक भी पूजा का अधिकार पाएंगे और उनके साथ भी समान व्यवहार किया जाएगा, लेकिन अब इसके उलटा हो रहा है। धर्म स्वतंत्रता पर बने अमेरिकी आयोग ने हाल की एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में हालात सबसे बुरे दौर में हैं। उसने कहा है कि सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में असफल रही है और अपराधियों को पकड़ने में विफल रही है।
पाकिस्तान के पूर्व मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों की रक्षा में विफल रहा है और इसके दो कारण हैं। पहला यह कि वहां धार्मिक असहिष्णुता और दूसरा हिंसा की बढ़ती विचारधारा। एक्टिविस्ट का कहना है कि इसके लिए जिम्मेदार है आतंकवाद को सहने की आदत। इससे उन लोगों को मौका मिलता है जो हिंदुओं की जमीन हड़पना चाहते हैं या धन लूटना चाहते हैं। इसके लिए वे धर्म का सहारा लेते हैं।
वहां के हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक कह रहे हैं कि नवाज शरीफ के जीतकर आने के बाद से स्थिति और भी बिगड़ी है। नवाज शरीफ का सऊदी अरब से जबर्दस्त नाता है। वहां वहाबी इस्लाम को माना जाता है जो बहुत कट्टरपंथी है और अल्पसंख्यकों को नीची निगाहों से देखता है। पंजाब के हिंदू अब घबराने लगे हैं। वे वहां से भाग निकलने की तैयारी में हैं। सौ से भी ज्यादा परिवार वहां से हर महीने भारत को आ रहे हैं।
भारत जाने वालों में मुनावर जी के भाई और उनके परिवार के सदस्य भी हैं। उनकी शादीशुदा बहन का पिछले साल अपहरण हो गया था। अपहरणकर्ताओं ने उसे जबर्दस्ती मुसलमान बना दिया और अगले दिन उसकी फिर से शादी करवा दी। अब वह इस्लाम नहीं त्याग सकती, क्योंकि ऐसा करना वहां के कानून के मुताबिक बहुत बड़ा अपराध है जिसकी सजा मौत है।
उसके भाई ने कहा कि बहन को खो देना मेरे जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी है। वह पंजाब के रहीम यार खान में जूते की दुकान चलाते हैं। अब वह भारत जाने की तैयारी में हैं। हिंदुओं का कहना है कि उनकी महिलाएं हमेशा निशाने पर रहती हैं। उनका अपहरण कर लिया जाता है, उनके साथ बलात्कार होता है और उनका धर्म परिवर्तन होना साधारण सी बात है। उग्रवादी मुसलमान उनके खिलाफ ईशनिंदा का आरोप लगाकर उन्हें फंसा देते हैं जिसकी सजा मौत है।
पंजाब में पहले हिंदू सुरक्षित थे, लेकिन अब उन पर वहां भी हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी ने इस बारे में कई अधिकारियों और मंत्री से भी बात करने की कोशिश की लेकिन सभी कन्नी काट गए। एक हिंदू ने कहा कि यहां इस देश में अब हिंदुओं के लिए कोई जगह नहीं बची है।
स्त्रोत : आज तक