दादरी प्रकरण
एक छोटे से पशु चराने के मुद्देपर मुसलमानोंद्वारा उत्तर प्रदेश के एक मंदिर में गोलीबारी कर १५ वर्षीय हिंदू बालक की बेरहमी से हत्या कर दी जाती है। या एक मुस्लिम बकरी ईद के एक दिन पूर्व बलि का बकरा मार दिए जाने के मुद्देपर अपनी माँ की गर्दन काट देता है, तब ये राजनेता और मीडिया के लोग कहां थे ? इन्हें अपने चारों ओर केवल दादरी की घटना ही क्यों दिखाई देती है ?
हाल-ही में उत्तरप्रदेश के दादरी में मांस पकाकर खाने के संदेह से महंमद अखलाख नामक एक ५२ वर्षीय व्यक्ति की कुचलकर हत्या करने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई।
इस संदर्भ में समाचार भारतीय प्रसारमाध्यमोंके लिए मुख्य समाचार सिद्ध हुआ एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रसारमाध्यमोंद्वारा भी इस प्रकरण का भारी मात्रा में हौव्वा खडा किया गया है; परंतु पिछले ३० जुलाई को उत्तरप्रदेश के रामपुर में मुसलमानोंद्वारा एक १५ वर्षीय हिन्दू लडके की गोली मार कर हत्या की गई थी। इसपर प्रसारमाध्यमोंद्वारा कोई चर्चा नहीं आयोजित की गई। राहुल, ओवैसी तथा केजरीवाल ने पीडित लडके के परिवारजनोंसे कोई भेंट नहीं की। उसी प्रकार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री. अखिलेश यादव ने पीडित लडके के परिवार को कोई हानिपूर्ति भी घोषित नहीं की।
दादरी प्रकरण की जांच चल रही है। इस प्रकरण में दो संदिग्धों को बंदी बनाया गया है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री. अखिलेश यादव ने मृतक के संबंधियोंको ४५ लाख रुपए हानिपूर्ति करने की घोषणा की है। दादरी प्रकरण में राजनीति की जा रही है एवं इस में भारतीय तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रसारमाध्यमोंद्वारा बहुत बडा खेल खेला गया है।
भाजपा के नेता एवं केंद्रीय मंत्री श्री. महेश शर्मा ने कहा है कि, दादरी प्रकरण एक राजनीतिक षडयंत्र है। हिन्दुत्वनिष्ठ नेत्री साध्वी प्राची ने इस हत्या के पीछे पारिवारिक षडयंत्र होने का संदेह व्यक्त किया है।
दादरी प्रकरण के विषय में शोर मचानेवाले उत्तरप्रदेश के मंत्री आजम खान एवं एम.आइ.एम. के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को साध्वी प्राची ने जैसे को तैसा उत्तर दिया है। पिछले कुछ दिनों में यदि समाचारवाहिनीयोंपर चर्चा देखें, अथवा सामाजिक संकेतस्थल का भ्रमण किया, तो ऐसा प्रश्न उपस्थित होता है कि देश में दादरी प्रकरण के अतिरिक्त अन्य कुछ घटनाएं ही नहीं हो रही हो !
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स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात