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इशरत मुठभेड़ में अमित शाह को क्लीन चिट

वैशाख शुक्ल पक्ष ९, कलियुग वर्ष ५११६ 


अहमदाबाद- गुजरात के चर्चित इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआइ ने राज्य के पूर्व गृह राज्यमंत्री व भाजपा महासचिव अमित शाह को क्लीन चिट दे दी है। सीबीआइ ने शाह के खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं होने तथा एफआइआर में उनका नाम नहीं होने का तर्क देते हुए उनके खिलाफ दायर शिकायत रद करने की सिफारिश की है।

मुंबई की १९ वर्षीय कॉलेज छात्रा इशरत जहां व उसके तीन साथियों प्रणेश पिल्लै उर्फ जावेद शेख, अमजद अली राणा तथा जिशान जौहर को १५ जून २००४  को अहमदाबाद में एक कथित मुठभेड़ में मार दिया गया था। गुजरात पुलिस व खुफिया ब्यूरो के संयुक्त ऑपरेशन ने इसे अंजाम दिया था। हाईकोर्ट के आदेश पर विशेष जांच दल (एसआइटी) ने इस मुठभेड़ की जांच कर इसे फर्जी करार दिया था।

इसके बाद प्रणेश पिल्लै के पिता गोपीनाथ पिल्ले ने सीबीआइ कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अमित शाह तथा अहमदाबाद पुलिस आयुक्त के आर कौशिक को आरोपी बनाने की मांग की थी।

सीबीआइ के पुलिस निरीक्षक विश्वास कुमार मीणा ने सीबीआइ की विशेष अदालत के समक्ष बुधवार को शपथ पत्र पेश किया, जिसमें अमित शाह व कौशिक को क्लीन चिट दे दी। जांच अधिकारी ने बताया कि शाह व कौशिक के खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं हैं तथा उनका साजिश में शामिल होना किसी भी तरह साबित नहीं होता है इसलिए गोपीनाथ की याचिका को भी रद कर दिया जाए।

सीबीआइ का कहना है कि इस मुठभेड़ में कोई भी राजनीतिक व्यक्ति शामिल नहीं है। जांच एजेंसी ने इस फर्जी मुठभेड़ को गुजरात पुलिस व आइबी का संयुक्त ऑपरेशन बताते हुए निलंबित आइपीएस डीजी वणजारा, आइबी के तत्कालीन निदेशक राजेंद्र कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मियों को आरोपी माना है। सीबीआइ की ओर से इस मामले में जुलाई २०१३  में पहला आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया गया था। उसके बाद फरवरी २०१४  में पेश पूरक आरोपपत्र में अमित शाह का नाम शामिल नहीं किया गया था।

केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने गुजरात में लोकसभा चुनाव से पहले २८ अप्रैल को कहा था कि इशरत जहां मुठभेड़ मामले में भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी व उनके करीबी अमित शाह के खिलाफ पर्याप्त सुबूत हैं। सिब्बल का दावा था कि शाह मुठभेड़ को अंजाम देने वाले आइपीएस वणजारा के संपर्क में थे तथा गुजरात कैडर के ही एक आइपीएस जीएल सिंघल के स्टिंग ऑपरेशन में वणजारा ने मुठभेड़ के लिए काली दाढ़ी व सफेद दाढ़ी से हरी झंडी मिलने का जिक्र किया था।

स्त्रोत : जागरण 

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