मेरठ : मांस निर्यात के लिए पशुओं के अंधाधुंध कटान के विरोध में तीन साल से आंदोलन चला रहे जनहित मोर्चा ने गोमांस खाने की खुलेआम घोषणा करने वाले उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू का बहिष्कार करने और उन्हें मेरठ में न घुसने देने की घोषणा की है। मांस निर्यात को बंद करने और इस पर दी जाने वाली सब्सिडी को समाप्त करने की मांग को लेकर दो अक्टूबर को जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करने के बाद अब उन्होंने ग्रीष्मकालीन सत्र के दौरान संसद का घेराव करके गिरफ्तारी देने की घोषणा की है।
रविवार को अपार चैंबर में पत्रकार वार्ता के दौरान राष्ट्रीय संयोजक दीवान गिरी, राष्ट्रीय सह संयोजक व अध्यक्ष रविदत्त शर्मा, प्रवक्ता कुलदीप त्यागी व केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य आरपी सिंह ने कहा कि, पूरे देश से मांस का निर्यात हो रहा है। संगठन इस निर्यात व अवैध कटान को बंद कराने, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करके इसके संरक्षण के लिए विशेष कानून बनाने की मांग को लेकर तीन साल से शांतिपूर्ण अभियान चला रहा है। सरकार यदि मांस के निर्यात व इसपर दी जाने वाली सब्सिडी को समाप्त कर दे तो समस्या खुद ही हल हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि संगठन २ अक्टूबर को जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन, उपवास व शांति मार्च निकालने के बाद अब संगठन ग्रीष्म कालीन सत्र में संसद का घेराव करेगा। संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि, गोमांस खाने की खुलेआम घोषणा करने वाले उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू का बहिष्कार किया जाएगा। उन्हें संगठन मेरठ में नहीं घुसने देगा। इस दौरान संगठन मंत्री नौशाद सैफी, विजयपाल गोस्वामी, सलीम सैफी, प्रमोद त्यागी, ममता गोस्वामी, देवेस्वर दयाल व सुशील शर्मा आदि पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
स्त्रोत : जागरण