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कांग्रेसवाले १०० वर्षपूर्वकी घटनाओंका दोष भी मोदीजीके ही मत्थे मढेंगे ! – उद्धव ठाकरे

वैशाख शुक्ल पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६

केवल शिवसेना कांग्रेसवालोंके हिंदुद्रोही सूत्रका प्रतिवाद करती है; परंतु भाजपावाले इस संदर्भमें निश्चित रूपसे कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं देते ?


मुंबई : दैनिक सामनाके अग्रलेखके माध्यमसे संपादक एवं शिवसेनाके पक्षप्रमुख श्री. उद्धव ठाकरेने अपना मत व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस पक्ष पागल हो गया है । इस पक्षके कपिल सिब्बलसमान मुंहफट नेता मद्य पीकर ऊधम मचानेवाले बंदरसे भी अधिक बेताल बडबड कर रहे हैं । देशमें वर्तमान समयमें हो रही एवं भविष्यमें होनेवाली घटनाओंका दोष भी वे मोदीजीके मत्थे मढ रहे हैं । संभवतः ऐसा दिखाई देता है कि सौ वर्षपूर्व जो हो गया, उसका दोष भी वे मोदीजीपर मढकर अपनी बुदि्धमानीका दिवालियापन संपन्न करेंगे ।

संपादकीयमें आगे कहा गया है कि,

१. वर्तमान समयमें असमके बक्सा जिलेमें हिंसा आरंभ हो गई है जिसमें ३२ लोगोंकी मृत्यु होनेका समाचार मिला है । कांग्रेसके नेता कपिल सिब्बलने इस हिंसाका दोष मोदीजीके मत्थे मढ दिया है ।

२. इस दोषमें जम्मू-कश्मीरके मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्लाने भी हस्तक्षेप किया है । वास्तवमें कश्मीर घाटीमें निरंतर होनेवाली हिंसामें वहांके कश्मीरी पंडितोंको पलायन करना पडा, हिंदुओंके खूनकी नदियां बहीं; परंतु उसकी ओर जानबूझकर दुर्लक्ष करनेवाले ओमर अब्दुल्लाको चिंता लगी है, असमके हिंसाकी ! क्योंकि असममें अल्पसंख्यकोंपर अर्थात बांग्लादेशी घुसपैठियोंपर बोडो आंदोलक गोलियां चला रहे हैं ।

३. अब कपिल सिब्बलने निरर्थक आक्रमण करते हुए कहा है कि मोदी ‘मॉडेल ऑफ डिवाइडिंग इंडिया’ है । सिब्बलका यह वक्तव्य मोदीजीकी अपेक्षा कांग्रेसको ही लागू होता है; क्योंकि कांग्रेसने देशमें आजतक ‘फोडो, तोडो एवं राज्य करो’ इस ब्रिटिश नीतिका अवलंब कर आग्रहपूर्वक राज्य किया, जिसके फलस्वरूप देशकी आब्रू मिट्टीमें मिल गई है ।

४. असममें बांग्लादेशी घुसपैठिए भूमिपुत्र बोडो आदिवासियोंपर निरंतर अतिक्रमण कर रहे हैं । उनकी खेती-बाडी हथिया रहे हैं; परंतु उनके विषयमें कांग्रेसवालोंको प्यार है । यदि कपिल सिब्बल रूपी कांग्रेसियोंको ऐसा प्रतीत होता है कि जिसप्रकार कश्मीर घाटीसे हिंदु अथवा कश्मीरी पंडितोंने पलायन किया, उसी प्रकार असमके हिंदू बोडोंको भागकर जाना चाहिए, तो वे देशद्रोहका मार्ग स्वीकार रहे हैं ।

५. अल्पसंख्यकोंका तुष्टीकरण करना, उनके लिए केवल देशकी तिजोरी नहीं, अपितु देशकी सीमाओंको भी खुली करना हिंदुस्थानके छातीपर नाचनेके लिए बांग्लादेशीयोंको खुला जंगल देना, यही कांग्रेसियोंकी राष्ट्रीय एकात्मता है ।

६. मोदीजीके हाथमें देशका राज्य आते ही इन जिलोंसे बांगलादेशियोंको बाहर निकाला जाएगा एवं कश्मीरमें हिंदु पंडितोंको आदरपूर्वक लाया जाएगा, इस भयसे ही सिब्बल एवं ओमर अब्दुल्ला शोरगुल कर रहे हैं ।

७. असममें बांग्लादेशी घुसपैठियोंके हत्याकांडके पश्चात सोनिया गांधी त्वरित वहां पहुंचकर सांत्वना करती है; परंतु असममें अथवा कश्मीरमें जब हिंदु मारा जाता है, तब सोनियाबाई तो दूर; परंतु कपिल सिब्बलसमान कांग्रेसी भी आह भरनेके लिए नहीं पहुंचते ।

८. असम हत्याकांड मोदीजीके कारण हुआ, इस प्रकारसे जो लोग बोलते हैं, उनको चाहिए कि वे पूर्वमें अपने स्वयंके खुनी पंजे देखें । उन पंजोंको केवल हिंदुओंका ही खून लगा हुआ है । मोदीके कारण देश टूटेगा, ऐसा बोलनेवाले लोगोंने पूर्वसे ही देशके टुकडे कर दिए है; अल्पसंख्यांकोंके मतोंके टुकडोंपर पलनेवाले लोग अब मोदीजीसे भयभीत हो रहे हैं; क्योंकि उनका पूर्वाश्रमका पाप उनको प्रताडित कर रहा है ।

९. कांग्रेसवालोंको चाहिए कि वे मोदीजीको अपशब्द कहनेके स्थानपर आत्मचिंतन करें अथवा योगगुरू रामदेवबाबाके आश्रममें जाकर विपश्यना करें । उनका मानसिक संतुलन बिघड गया है । १६ मईके परिणामके उपरांत उन्हें पागलोंके दवाखानेमें ही भर्ती करना पडेगा । देशकी जनता बुद्धिमान है । इसलिए अपने यहां पागलोंके दवाखानोंकी संख्या न्यून है । मोदीजीकी सरकार आते ही जिलास्तरपर पागलोंके लिए दवाखानेका निर्माण कार्य कर कांग्रेसी नेताओंपर उपचार करने पडेंगे । इतनी मानवता तो दिखाना ही होगी ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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