रघुवंश प्रसाद यादव किए गए वक्तव्य का महंत ज्ञानदास महाराज ने किया खण्डन !
अयोध्या (उत्तरप्रदेश) : किसी भी अधिकृत धर्मग्रंथ में प्राचीन समय में ऋषिमुनियोंद्वारा कभी गोमांस का सेवन करने का कोई प्रमाण नहीं है। इस लिए यह दावा अत्यंत मिथ्या है।
हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल पक्ष के नेता तथा भूतपूर्व केंद्रीयमंत्री श्री. रघुवंश प्रसाद यादवद्वारा ऐसा वक्तव्य दिया गया था कि प्राचीन समय में ऋषिमुनियोंने भी गोमांस का सेवन किया था। श्री. यादव के इस वक्तव्यपर महंत ज्ञानदास महाराज ने तीव्र आपत्ति जताते हुए कहा कि, सत्ता के लिए रघुवंश यादव समान नेता किसी भी निम्नस्तरपर जा सकते हैं। (सत्ता के लिए हिन्दुओंकी धर्मिक भावनाओंको आहत करनेवाले वक्तव्य करनेवाले व्यक्तियोंपर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए। क्या समाज में अस्थिरता एवं अशांति उत्पन्न करने के लिए ऐसे राजनेता उत्तरदायी नहीं है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
महंत ने आगे कहा कि, गाय हिन्दुओंके लिए माता एवं देवता के समान है माता के पश्चात बच्चे को गाय का दूध दिया जाता है। इस लिए माता के समान ही गाय भी जीवनदायिनी है। श्री. रघुवंश प्रसाद यादव के पूर्वजोंद्वारा गोमांस सेवन करने की संभावना को अस्वीकार नहीं कर सकते, ऐसा आपत्तिजनक वक्तव्य देने से पूर्व इन नेताओंको न्यूनतम स्वयं का तो विचार अवश्य करना चाहिए था; परंतु सत्ता के लिए लालूप्रसाद यादव, रघुवंशप्रसाद यादव समान नेता किसी भी स्तरपर जा सकते हैं, यह जनता का दुर्भाग्य है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात