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इस्लामिक स्टेट की वेबसाइट सर्च करने में उत्तरप्रदेश दूसरे क्रमांक पर !

आतंकी संगठन आईएसआईएस की वेबसाइट सर्च करनेवाले राज्योंकी सूची में उत्तर प्रदेश दूसरे क्रमांक पर है। इस सूची में पहले क्रमांक पर जम्मू-कश्मीर के युवा हैं।

सुरक्षा एजेंसियोंको संदेह है कि, देश में बढ़ रही असहिष्णुता का वातावरण और मुजफ्फरनगर व दादरी जैसी घटनाएं मुस्‍लिम युवाओंको आईएसआईएस की तरफ देखने की बड़ी वजह दे रहा है। खुफिया विभाग ने आगाह किया है कि, सांप्रदायिकता का राजनीतिक उपयोग टाइम बम साबित हो सकता है।

भारत समेत पूरे दक्षिण एशिया में आईएसआईएस के प्रभावपर तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर के बाद उत्तर प्रदेश के कुछ शहरोंसे आईएसआईएस की साइट सब से ज्यादा सर्च की जा रही है। इस के बाद महाराष्ट्र, बिहार, मध्यप्रदेश और असम में भी इस आतंकी संगठन के साइट सर्च करने वालोंकी संख्या चौंकाने वाली है।

इस रिपोर्ट में आईएसआईएस के आकर्षण में फंस चुके युवाओंकी बातचीत का भी ब्यौरा है।

इन वेबसाइट्स को ब्लॉक कर रहा है गृहमंत्रालय

ISISमामलेपर नजर रख रही टीम के उच्चपदस्थ सूत्र ने बताया कि गृहमंत्रालय इन वेबसाइट्स पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु बडे पैमानेपर काम कर रहा है। बुधवार को इस विषयमें गृहमंत्रालय और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों की लंबी बैठक हुर्इ है।

इस काम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत दोभाल की टीम भी शामिल है। सूत्रोंके अनुसार सांप्रदायिक वातावरण में युवाओं भीतर पैदा हुई असुरक्षा की भावना ऐसे संगठनोंकी आेर आकर्षित कर रहा है।

वेबसाइट के जरिए आतंक का पाठ पढाना भारत विरोधी तंत्र के लिए इसलिए आसान है कि यह पाठ बंद कमरे में अकेले पढा जाता है। यह स्थिति सुरक्षा एजेंसी के लिए कई नई चुनौतीयां खडी कर रहा है।

स्त्रोत : अमर उजाला

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