पुलिस द्वारा उलटा हिन्दुत्वनिष्ठों पर ही चैप्टर केस प्रविष्ट !
१२ अक्टूबर की रात्रि महाराष्ट्र के जलगांव जिले के शेंदुर्णी गांव में मम्मादेवी मंदिर के परिसर में अज्ञात व्यक्तियों ने गोमांस फेंका । इसलिए १३ अक्टूबर को सबेरे से शेंदुर्णी गांव में तनाव पूर्ण वातावरण बन गया । पुलिसवालों ने पंचनामा न बनाते हुए मंदिर परिसर स्वच्छ किया तथा अपराध प्रविष्ट न करते हुए अन्वेषण करने का मौखिक आश्वासन दिया । (हम पूछना चाहते हैं कि यदि ऐसा प्रसंग अन्य धर्मियों के संदर्भ में हुआ होता, तो क्या पुलिस ने उसे इसी प्रकार छोड दिया होता ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस घटना के उपरांत स्थानीय हिंदुत्ववादी संगठन शिवतेज के अध्यक्ष श्री. हरिश्चंद्र वारुळे ने निषेध करनेवाला फलक चौक में लगाया; परंतु गांव का वातावरण बिगाडने का प्रयास करने का कारण बताकर पुलिस ने वह फलक हटाने हेतु हिन्दुआें को बाध्य किया । ( हम यहां पूछना चाहते हैं कि, हिन्दुआें पर अन्याय होने पर भी क्या वे कुछ नहीं बोल सकतें ? क्या हिन्दुआें को उन पर हो रहे अत्याचार बताने की स्वतंत्रता नहीं होती ? क्या वह केवल पुरोगामियों के लिए होती है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
पुलिसवालों ने श्री. वारुळे को शांतता समिती की बैठक का कारण बताकर पहूर पुलिस थाने में बुलाया । पुलिस ने उन्हें गालियां देकर मारपीट की तथा दोपहर २ बजे से रात विलंब तक बैठाए रखा । तत्पश्चात उनपर चैप्टर केस प्रविष्ट किया । (हिंदुओ, ऐसे कानूनद्रोही और अन्यायी पुलिसवालों के विरुद्ध वरिष्ठ अधिकारियों से परिवाद करें ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात