वैशाख शुक्ल पक्ष १२, कलियुग वर्ष ५११६
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काठमांडू : नेपाल ‘हिंदु राष्ट्र’के रूपमें घोषित होने हेतु ‘हिंदु राष्ट्र’ नेपाल संस्थागत संघर्ष समितिद्वारा यहां शृंखला अनशनको आरंभ हो गया है । पिछले १८ दिनोंसे यह आंदोलन चालू है । इस आंदोलनको श्री वैष्णव परिषद, नेपाल; विश्व हिंदु परिषद, नेपाल एवं नेपाल ज्योतिष परिषदका समर्थन है । हिंदु जनजागृति समितिके राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगलेने इस शृंखला अनशनको सदिच्छा भेंट दी ।
यहां उपस्थित लोगोंकी अपेक्षाएं एवं विचारोंको सुननेपर उनसे संवाद करते हुए पू. डॉ. पिंगलेने कहा कि जिस राष्ट्रमें अधिकांश नागरिक जिस धर्मके रहते हैं, उस धर्मका वह राष्ट्र होता है । आंदोलनको आध्यात्मिक सामथ्र्य चाहिए एवं इसके लिए साधना करनी चाहिए । साधनासे ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेज जागृत होता है । कलियुगमें ‘संघे शक्ति कलौयुगे’, ऐसा कहा गया है । इसलिए ईश्वर अपनी प्रार्थना सुने इसलिए सभी हिंदुओंको जाति-पाति, उच्च-नीच सभी भूलकर प्रत्येक गांवमें जागृति करनी चाहिए । स्वयं भक्त बने एवं सभीको भक्त बनाएं । क्योंकि ईश्वर भक्तकी यातनाओंको नहीं देख सकते एवं भक्तकी इच्छा पूरी होनेमें जो बाधाएं आती हैं, उन्हें दूर करते हैं ।
इस अवसरपर योगी नरहरिनाथ ट्रस्ट आध्यात्मिक परिषदके संरक्षक स्वामी रामबाबा उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात