नई दिल्ली: गोमांस के कारण उत्तरप्रदेश के दादरी में एक व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या कर दी गई । उसके निषेधार्थ पुरस्कार लौटानेवाले लेखकों की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने मुखपत्र पांचजन्य में आलोचना की है । इस उत्पात के उस पार नामक लेख में हिंदी लेखक तुफैल चतुर्वेदी ने वेदों का संदर्भ दिया है । इसमें कहा गया है कि वेदों में यह आदेश दिया गया है कि गाय को मारने का पाप करनेवाले को मार डालें । हम में से अधिकांश लोगों के लिए गाय की सुरक्षा जीवन-मरण का प्रश्न है ।
चतुर्वेदी आगे लिखते हैं, दादरी के अखलाख ने कदाचित कुकर्म से ही गाय की हत्या की होगी । इसलिए उसे उसका प्रायश्चित मिला है । इस घटना पर लेखकों ने मौन क्यों रखा ?
इस विषय में चतुर्वेदी ने एक दैनिक समाचारपत्र के प्रतिनिधी को दी गई प्रतिक्रिया में कहा है कि देश के बहुसंख्यकों की भावनाआें का सम्मान न करना हो, तो उसके परिणामों का सामना करने हेतु तैयार रहना ही चाहिए ।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर