लखनऊ (उत्तर प्रदेश ) : ग्रेटर नोएडा के दादरी में गोमांस खाने की अफवाह पर अखलाक की हत्या और हिमाचल में सहारनपुर के युवक नोमान की हत्या को लेकर हिंदू नेताओं की बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। बीजेपी एमपी महंत आदित्यनाथ ने अब धर्मनिरपेक्षता पर ही सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, धर्मनिरपेक्षता इस देश में हिंदू विरोध का विकल्प बन गया है। ऐसे में इसे ही देश से बाहर फेंक देना चाहिए।
रविवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान आदित्यनाथ ने कहा कि गौमांस जैसे मामलों को जान-बूझकर कर भड़काया जा रहा है। जानकारी के अनुसार मोहम्मद पैगंबर का कार्टून बनने पर ऑफिस में गोली चलाई जाती है तब तो किसी ने कुछ नहीं बोला। वहीं, भारत में जहां गाय को गौमाता कहा जाता है और देवी की तरह पूजा जाता है, उसको मारने के लिए धर्मनिरपेक्षता के नाम पर समर्थन दिया जाता है। गौ-हत्या होने पर प्रतिक्रिया होनी तो स्वाभाविक है।
साध्वी प्राची ने किया आदित्यनाथ का समर्थन
साध्वी प्राची ने कहा, हमारी सरकार गौ-हत्यारों को 45 लाख का मुआवजा देती हैं और जो गौ-रक्षक है उन्हें खून के आंसू रुलाती है। ऐसी धर्मनिरपेक्षता हमें नहीं चाहिए। साध्वी प्राची ने कहा कि बंटवारे के बाद भारत से जो मुसलमान पाकिस्तान नहीं गए, उनको हमने अपना छोटा भाई माना। ऐसे में उन लोगों को भी गौमाता का सम्मान करना चाहिए। उन्हें वंदेमातरम गाना चाहिए, लेकिन धर्मनिरपेक्षता के नाम पर खुलेआम विरोध करते हैं।
स्त्रोत : पंजाब केसरी