जिस प्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज के समय मुगलों को संताजी-धनाजी दिखाई देते थे, उसीप्रकार तथाकथित पुरोगामी निरंतर सनातन पर प्रतिबंध लगाने का सपना देखते हैं । यदि प्रतिबंध लगाना ही है, तो अवश्य लगाएं, परंतु किस पर ? तो १५ मिनटों में देश के हिन्दुओं को समाप्त करने की भाषा करनेवाले ओवैसी एवं उनके पक्ष पर ! केरल में संघ के २५० कार्यकर्ताओं की हत्या करनेवाले साम्यवादी पक्ष पर ! आज सहस्त्रों किसान आत्महत्या कर रहे हैं, इसके लिए उत्तरदायी कांग्रेस पक्ष पर !
वर्तमान समय में सनातन संस्था सैकडों संस्थाओं को धर्मशिक्षा प्रदान कर रही है । यदि सनातन पर प्रतिबंध लगाने की भाषा की गई, तो उसे कदापि नहीं सहन किया जाएगा । उलटे इस के निमित्त से देश के हिन्दू बडी मात्रा में संगठित होंगे !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात