वैशाख पूर्णिमा, कलियुग वर्ष ५११६
|
इस्लामाबाद- पाकिस्तान से हर साल पांच हजार हिंदू भारत के लिए पलायन कर रहे हैं। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज [पीएमएल-एन] से सांसद डॉ. रमेश कुमार वंकवानी ने सदन के निचले सदन नेशनल असेंबली में सोमवार को यह जानकारी दी।
डान अखबार ने रमेश के हवाले से कहा कि पिछले दो महीनों के दौरान सिंध प्रांत में ईशनिंदा से संबंधित छह घटनाएं हुई और इसके लिए हिंदू समुदाय के लोगों को आरोपित किया गया। इनमें ज्यादातर घटनाएं पवित्र कुरान को जलाने से संबंधित थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में विभिन्न अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अपनी धार्मिक आस्थाओं का पालन करने का संवैधानिक अधिकार प्राप्त है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या हम पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हैं ?
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के संस्थापक रमेश ने सरकार से सिंध के अंदरुनी हिस्सों में कुछ प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया जो हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। पीएमएल-एन सांसद ने कहा कि मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समानता का अधिकार पाने में विफल रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को इस संबंध में अल्पसंख्यकों के मसलों पर चर्चा करने के लिए एक संसदीय समिति का गठन करना चाहिए।
बाद में संसदीय मामलों के मंत्री शेख आफताब अहमद ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित कराएगी। वर्ष २०१२ में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान बनने के बाद जब पहली बार जनगणना की गई थी तो उस समय देश की तीन करोड़ चालीस लाख आबादी में से पांच प्रतिशत गैर मुसलमान थे। मगर आज पाकिस्तान के १८ करोड़ नागरिकों में गैर मुसलमानों की सूची में अहमदी समुदाय को शामिल कर लेने के बावजूद वहां गैर मुसलमानों की संख्या पांच प्रतिशत से घटकर साढ़े तीन प्रतिशत रह गई है।
स्त्रोत : जागरण