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सम्मान के लायक ही नहीं हैं सम्मान लौटाने वाले साहित्यिक : सुब्रमण्यम स्वामी

मेरठ : भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने साहित्यकार पुरस्कार लौटाने वालों पर करारा निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि जो साहित्यकार पुरस्कार लौटा रहे हैं उनको कभी हमारी सरकार तो पुरस्कार देने वाली नहीं थी, ये सब वो हैं जिन्हें कांग्रेस सरकार ने सम्मान दिया था। वो सब युपीए सरकार की अवमानना कर रहे हैं। ये सब बनावटी हैं इनको महत्त्व देना ही नहीं चाहिए। स्वामी का मानना है कि, इनमें से कुछ लोगों को ये सम्मान देना ही नहीं चाहिए था।

स्वामी ने फरीदाबाद की घटना पर बोलते हुए कहा की उन्हें समाचार मिल रही है कि, यह मामला दलित-ईसाई और राजपूत-ईसाई के बीच झगडे का है जिसकी वो जांच कर रहे हैं। उन्होंने विराट हिंदुस्तान संगठन को भी इसकी जांच का उत्तरदायित्व सौंपा है । जांच पूरी होने के पश्चात ही वो किसी निष्कर्ष पर पहुचेंगे।

सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है, गोहत्या के विरुद्ध राष्टीय विधेयक लाया जाना चाहिए और गोहत्या पर जो भी हिंसा हो रही है वो सिर्फ उन्हीं प्रदेशों में हो रही है जहां भाजपा सरकार नहीं है।

सुब्रमण्यम स्वामी मेरठ में सुभारती कालेज में उन्मुक्त भारत संस्था के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे जो आज ‘आजाद हिन्द फौज’ की आेर से घोषित भारत का स्वतंत्रता दिवस मना रही है।

स्वामी ने अपने सम्बोधन में जवाहर लाल नेहरू पर कई आरोप लगाए है । स्वामी ने कहा कि, नेहरू ने ही सुभाषचंद्र बोस की हत्या करवार्इ और जान बूझकर सुभाषचंद्र बोस के योगदान को कम करके इतिहास में दिखाया है।

स्त्रोत : पंजाब केसरी

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