‘जिस प्रकार दादरी हत्याकांड निषेधार्ह है, उसीप्रकार मुडबिद्री में हुआ हत्या प्रकरण भी निषेधार्ह ही है !’ – श्री विश्वेश्वरतीर्थ स्वामीजी
धर्मनिरपेक्षता की वाहवा करनेवाले इस विषय में क्या कहना चाहते हैं ?
बेलगांव (कर्नाटक) : दादरी हत्याकांड के विषय में व्यापक चर्चा एवं प्रचार हो रहा है; परंतु मुडबिद्री में हुई हिन्दू गोरक्षक की हत्या के विषय में कोई कुछ भाष्य ही नहीं करता !
जिस प्रकार दादरी हत्याकांड निषेधार्ह है, उसीप्रकार मुडबिद्री में हुआ हत्या प्रकरण भी निषेधार्ह ही है, उडुपी श्रीकृष्ण मठ के पेजावर मठाधीश श्री १०८ श्री विश्वेश्वरतीर्थ स्वामीजीद्वारा पत्रकार परिषद में ऐसा स्पष्ट मत व्यक्त किया गया। २० अक्तूबर को तिलकवाडी के आर.पी.डी. महाविद्यालय के सामने स्थित श्रीकृष्ण मठ में यह पत्रकार परिषद आयोजित की गई थी। वे इस परिषद में बोल रहे थे।
पेजावर मठाधीश श्री विश्वेश्वरतीर्थ स्वामीजी ने कहा …
१. केवल ‘दादरी’ घटना का ही भारी मात्रा में प्रचार किया जा रहा है। इसलिए स्वाभाविक ही हिन्दुओंकी भावनाएं आहत हो रही हैं। उत्तरप्रदेश एवं कर्नाटक के सत्तारूढ पक्षोंद्वारा केवल एक ही समुदाय (मुसलमान) को लेकर उनका विचार किया जा रहा है। इसलिए अधिकांश (हिन्दू) समाज आहत हो गया है। इसलिए सरकार को सभी समुदायोंको एक ही दृष्टिकोण से देखना चाहिए। राज्य में हिन्दू एवं मुसलमानोंके लिए अलग अलग नीति का अवलंब किया जाता है। इसीलिए मुडबिद्री में हुई हिन्दू युवक की हत्या को गंभीरता से नहीं देखा जा रहा है !
२. वेदों में गोहत्या निषेधार्ह ही है !
३. कानून हाथ में लेने का अधिकार तथा किसी की हत्या करने का अधिकार किसी को भी नहीं है; परंतु ‘गो-सुरक्षा’ करना हिन्दुओंका आद्य एवं प्रथम कर्तव्य है !
४. इस देश में गोहत्याबंदी कानून लागू करना अत्यावश्यक है। गोमाता को राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में देखें। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्याद्वारा राज्य में ‘अन्नभाग्य’ एवं अन्य योजनाएं चलाई गई हैं। ये योजनाएं उत्तम हैं; परंतु कुल मिला कर शासन का विकासकार्य अभी भी धीमी गति से चल रहा है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात