ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
डॉक्टरसे लेकर आई.टी. क्षेत्रमें कार्यरत तंत्रज्ञोंतकके सुशिक्षित लोग इंडियन मुजाहिद्दीन संगठनके सभासद हैं !
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‘आजतक बंदी बनाए गए इंडियन मुजाहिद्दीन संगठनके सभासद तथा अन्य सदस्योंमें कौन-कौन अतंर्भूत हैं, इसकी ओर यदि हम ध्यान दें, तो एकसे एक भयंकर दृश्य सामने आते हैं । डॉक्टरसे लेकर आई.टी. क्षेत्रमें कार्यरत तंत्रज्ञोंतकके सुशिक्षित लोग इसके सदस्य हैं, धार्मिक शिक्षा देनेवाले मौलाना हैं, अंडरवर्ल्डके अपराधी हैं, जिन्होंने वर्ष १९९० से आजतक आतंकवादका यह जाल बिछाया है ।'
पॅन इस्लामके ध्येयसे एकत्रित आए आतंकवादी !
‘इन विभिन्न समाजघटकोंको उनके ‘पवित्र' धार्मिक कर्तव्यके प्रति कौनसा समानसूत्र एकत्रित करना है ? ओसामा बिन लादेनके समान आतंकवादियोंके आदर्शसे (?) उन्हें कौनसी प्रेरणा प्राप्त होती है ? भारतमें अल्पसंख्यक समाजकी जिस प्रकार कथित मुस्कटदाबी हो रही है अथवा निर्धनता, कश्मीरके प्रश्नके संदर्भमें आतंकवादियोंका उतना संबंध नहीं है, अपितु उनका ध्येय ही केवल ‘पॅन इस्लाम’ का है । गुजरात षडयंत्रके पीछेका प्रमुख सूत्रधार एक अभियंता (इंजीनियर) है । वह मुंबईमें विप्रो टेक्नोलॉजीके आस्थापनमें कार्य कर रहा था । वर्ष १९९८ में उसने त्यागपत्र दिया । इसके पीछेका कारण यह था कि उसे धर्मकर्तव्य हेतु पूरे समयके लिए कार्य करना था ।'
विश्वमें आतंकवादका बीजारोपण हुआ, उसी प्रकार भारतमें भी वर्ष १९९० में ही आतंकवादका बीजारोपण किया गया !
‘गोधरा घटनाके पश्चात वर्ष २००२ में गुजरातमें जातीय हिंसा हुई थी । उसके प्रतिशोधके रूपमें गुजरातमें बमविस्फोट किया गया ।', यह दावा हास्यास्पद प्रतीत होता है । जिस प्रकार विश्वमें आतंकवादका बीजारोपण हुआ, उसी प्रकार वर्ष १९९० में भारतमें भी आतंकवादका बीजारोपण हुआ । '
– श्री. दीपक जेवणे (साप्ताहिक ‘राष्ट्रपर्व' ५.१.२००९)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात