ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
सतर्क हिंदु धर्माभिमानी एवं पुलिसकर्मियोंके सहयोगके कारण मुंबईमें ईसाईयोंद्वारा धर्मपरिवर्तनके लिए आयोजित सभा निरस्त
ऐसे धर्माभिमानी हिंदु सर्वत्र हों !
मुंबई – यहांके गणेश नगर, कांदिवलीमें (प.) ईसाईयोंद्वारा ३ दिनकी धर्मपरिवर्तन सभा आयोजित कर उसे ‘महाआनंद मेला’ नाम दिया गया था । (हिंदुओ, हिंदुओंकी संज्ञाका उपयोग कर आपको भ्रमित कर धर्मपरिवर्तनका प्रयास करनेवाले ईसाईयोंके षडयंत्रको जानें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) जागृत हिंदु धर्माभिमानियोंने कार्यक्रम निरस्त होने हेतु पुलिस थानेमें निवेदन देकर इस माध्यमसे होनेवाले धर्मपरिवर्तनके प्रयासोंके विषयमें सतर्क किया । तत्पश्चात पुलिसर्मियोंने कार्यक्रम निरस्त करनेका आदेश दिया । इस सफलताके विषयमें हिंदु धर्माभिमानियोंने ईश्वरके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की । इस घटनामें थानेके श्री. अभिजित भोरका मार्गदर्शन मिला ।
इस अवसरपर हिंदु जनजागृति समितिके श्री. देवले एवं श्री. तापकिरे; विश्व हिंदु परिषदके श्री. सर्वेश विश्वकर्मा एवं श्री. भानू प्रताप विश्वकर्मा; श्री योग वेदांत सेवा समितिके श्री. नागेश परब; शिवसेनाके श्री. रघुनाथ ताम्बोकर, श्री. नितिन पाटिल, श्री. अजित सावंत; युवा सेनाके श्री. प्रविण शिरस्कर एवं स्वयंभू मित्र मंडलके श्री. राजन उरुम्कर धर्माभिमानी उपस्थित थे । (सभी हिंदु धर्माभिमानियोंका अभिनंदन ! ऐसे हिंदु ही हिंदु धर्मकी खरी शक्ति है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
धर्माभिमानियोंने चारकोप पुलिस थानेके वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री. आनंद कोलीके प्रति उनके सकारात्मक सहकार्यके विषयमें आभार व्यक्त किए । (सर्वत्रके पुलिसकर्मियोंको वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक श्री. कोलीका आदर्श लेकर धर्मपरिवर्तन रोकने हेतु प्रयास करने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. १६ से १८ मईकी कालावधिमें कथित सभा होनेवाली थी । येशुने लंगडोंको चलाया तथा येशुके कारण अंधे लोगोंको दिखने लगा इस प्रकारके अनेक झूठे दावे सभाके आयोजकोंद्वारा किए जा रहे थे । (ऐसी घटना होते समय जादूटोनाविरोधी कानून हिंदुओंके मत्थे मारनेवाले कांग्रेसी क्या कहीं नींद लेते रहते हैं ? क्या उन्हें यह अपप्रचार दिखाई नहीं देता ? अथवा कहीं ऐसा तो नहीं कि यह ज्ञात होते हुए भी वे इसके प्रति उदासीन रहते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) बडे-बडे ध्वनिक्षेपक लगाए गए थे ।
२. सभामें ७०-८० हिंदुओंको एकत्रित किया गया था । तीसरे दिन ‘चंगाई’ अर्थात प्रत्यक्ष धर्मपरिवर्तन करनेका कार्यक्रम था; परंतु हिंदु धर्माभिमानियोंको इस विषयमें ज्ञात होते ही उन्होंने पुलिस थानेमें जाकर परिवाद प्रविष्ट किया । साथ ही कार्यक्रम निरस्त करनेके विषयमें निवेदन दिया ।
३. तत्पश्चात पुलिसकर्मियोंने तत्काल सभास्थलपर जाकर इसकी निश्चिती की । पुलिसद्वारा सभाके संयोजक फादर सुसे एवं हिंदु धर्माभिमानियोंकी पुलिस थानेमें एकत्रित बैठक आयोजित की गई । बैठकमें हिंदुओंने ईसाईयोंके दावे किस प्रकारसे झूठे हैं, प्रमाणके साथ बताया एवं सुसेको निरुत्तर किया ।
४. ईसाईयोंका मेला अर्थात धर्मपरिवर्तनका प्रयास है, यह हिंदुओंने पुलिसको स्पष्ट रूपसे बता दिया । इसपर पुलिसकर्मियोंने सुसेको कथित कार्यक्रम निरस्त करनेका आदेश दिया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात