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हिन्दुओंको शक्ति मिलने हेतु साधना ही करना आवश्यक है ! – श्री. राजन बुणगे

टोप जिला कोल्हापुर में दुर्गा माता दौड़ का आयोजन

हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा श्री दुर्गादौड के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने के विषय में मार्गदर्शन

bunageटोप जिला कोल्हापुर (महाराष्ट्र) : २४ अक्तूबर को सवेरे ७ बजे यहां के मारुति मंदिर में श्री दुर्गामाता दौड का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. राजन बुणगेद्वारा ऐसा प्रतिपादित किया गया कि, छत्रपति शिवाजी महाराज के चरित्र का विस्मरण होने से महाराष्ट्र एवं भारत अंग्रेजोंके दास्यता में गए एवं अभी भी वे सांस्कृतिक दृष्टि से दास्यता में ही है।

इस स्थिति को परिवर्तित करने हेतु शिवछत्रपति के चरित्र का स्मरण कर उसे आचरण में लाना ही हिन्दू धर्म में यही सिखाया गया है। जात-पात, सांप्रदायिकता, पक्ष एवं संगठन धर्म से बडे बन गए हैं, इसलिए धर्म एक बाजू में रह गया। हिन्दू धर्माचरण नहीं करते। इसलिए उन्हें धर्म का अर्थात ईश्वर का आधार नहीं मिलता। हिन्दुओंको शक्ति मिलने हेतु साधना ही करना आवश्यक है !

इस अवसर पर सनातन संस्था के आधुनिक वैद्य श्री. मानसिंह शिंदे ने कहा कि, छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजलखान का पेट फाड़ कर आतंकवाद कैसे समाप्त करना, यह दिखा दिया। छत्रपति शिवाजी महाराज समान राजनेता मिलने हेतु हमें ‘शिवाजी का सैनिक’ बनना चाहिए। जिस समय अफजलखान छत्रपति शिवाजी महाराज से भेंट करने आ रहा था, उस समय उसने सैकडों मंदिरोंको तोडा। जब छत्रपति शिवाजी महाराजद्वारा अफजलखान का वध किया गया, तब विजापुर के बादशाह ने मंदिरोंको न तोडने का आदेश दिया।

छत्रपति शिवाजी महाराज को आध्यात्मिक पार्श्वभूमि थी। श्री भवानीदेवी तथा समर्थ रामदासस्वामी का आशीर्वाद होने से उनकी संकट से मुक्तता हुई।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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