ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष ८, कलियुग वर्ष ५११६
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रांची : मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गत वर्ष पटना में आयोजित रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट के मास्टरमाइंड आइएम आतंकी तहसीन अख्तर को लेकर रांची पहुंची राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) टीम पर लोगों ने हमला कर दिया। इंडियन मुजाहिदीन के रांची मॉड्यूल की जांच करने तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को लेकर मंगलवार को एनआइए टीम ब्लास्ट में शामिल आतंकी इम्तियाज के गांव आई थी। शाम सवा छह बजे टीम के धुर्वा थाना क्षेत्र स्थित सिठियो गांव में घुसते ही इम्तियाज के परिजनों व ग्रामीणों ने हमला कर दिया। पत्थरबाजी के बीच एनआइए व पुलिस के जवान जान बचाकर भागे। इसी गांव के तौफिक आलम, नुमान व तारिक भी २७ अक्टूबर २०१३ को हुए पटना ब्लास्ट में शामिल थे।
जानकारी के अनुसार हमला गफलत के चलते ग्रामीणों का गुस्सा भड़कने पर हुआ। इम्तियाज के परिजनों का कहना है कि हमें इम्तियाज के भतीजे तौफिक की गिरफ्तारी की सूचना मिली थी। लेकिन तौफिक की जगह तहसीन को देखकर गफलत के चलते गुस्सा भड़क उठा। जबकि पुलिस के अनुसार हमला पूर्वनियोजित लग रहा था और लोगों की मंशा तहसीन को एनआइए की कैद से छुड़ाने की थी। पुलिस का दावा है कि ब्लास्ट में शामिल इम्तियाज का भतीजा तौफिक घर में ही छुपा था, जिसे बचाने के लिए हमला किया गया। गौरतलब है कि ब्लास्ट के दौरान घायल हुए तारिक की बाद में मौत हो गई थी जबकि इम्तियाज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन ब्लास्ट के अन्य आरोपी नुमान व इम्तियाज केभतीजे तौफिक आलम को अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। एसएसपी प्रभात कुमार के अनुसार एनआइए टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ संपर्क नहीं साधा और उनका सहयोग नहीं लिया। जिसके चलते ये घटना हुई। पथराव के बाद से क्षेत्र में तनाव है।
आइएम मास्टरमाइंड तहसीन उर्फ मोनू को राजस्थान के अजमेर से गिरफ्तार जियाउल रहमान उर्फ वकास की निशानदेही पर बंगाल से पकड़ा गया। वह पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी स्थित पानी की टंकी क्षेत्र में छुपा था। उस पर १० लाख रुपये का इनाम घोषित था।
स्त्रोत : दैनिक जागरण