ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
अफ्रीकी देशों की बैठक में फैसला
फ्रांस की राजधानी पेरिस में हो रही अफ़्रीकी देशों के नेताओं की बैठक में नाइजीरिया के इस्लामी चरमपंथी संगठन बोको हराम के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने के फ़ैसले पर सहमति बन गई है।
ये बैठक फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांकुआ होलांद की पहल पर बुलाई गई थी। बैठक के बाद होलांद ने कहा कि इन देशों ने उनसे खुफिया जानकारी साझा करने और बोको हराम के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में मदद मांगी थी।
पिछले महीने बोको हराम ने नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी इलाके से 223 स्कूली लड़कियों का अपहरण कर लिया था। इसके अलावा नाइजीरिया और केमरून के कई इलाकों में ताज़ा हमलों की जानकारी मिली है।
हाल के वर्षों में बोको हराम के हमलों में हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं।
पेरिस में होने वाली इस बैठक में नाइजीरिया के राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन के अलावा बेनिन, नाइजर और चाड के राष्ट्रपति भी शामिल थे।
बैठक के बाद जोनाथन ने कहा कि सभी पक्षों ने चरमपंथ से निपटने के लिए वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर तैयार की गई कार्य योजना पर अपनी सहमति दी है।
उन्होंने कहा, “इस योजना में खुफिया जानकारी साझा करना, सीमा पर निगरानी, चाड झील के चारों ओर सैन्य उपस्थिति और किसी भी खतरनाक स्थिति से निपटने को तैयार रहने की क्षमता विकसित करना शामिल है।”
केमरून के राष्ट्रपति पॉल बिया ने कहा, “हम यहां बोको हराम के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा के लिए आए हैं।”
पेरिस में हुई बैठक
वहीं चाड के प्रतिनिधि इदरिस डेबी ने कहा कि ये पूरी तरह से युद्ध ही होगा।
इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा था कि बोको हराम पश्चिमी और मध्य अफ्रीका के लिए एक बड़ा ख़तरा बन गया है। उनका कहना था कि इसके अल-क़ायदा के उत्तर अफ़्रीकी शाखा और अन्य चरमपंथी संगठनों से भी संबंध हैं।
पेरिस में हुई इस बैठक में ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
स्त्रोत : अमर उजाला