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देश का विकास स्वस्थ ढंग से परिभाषित और क्रियान्वित किया जाना चाहिए ! – जगद्गुरु स्वामी निश्‍चलानंद सरस्वती

हरिद्वार – मोदी सरकार का प्रसिद्ध नारा है – सबका साथ, सबका विकास । विकास की इस नीती पर श्री गोवर्धनपीठ पुरी के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि, भावुकता से गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। देश की राजनीति पर ‌चिंता जताते हुए कहा कि भारत में सत्तालोलुप्ता और अदूरदर्शिता बढ रही है। जिस कारण देश की राजनीति दिशाहीन हो गई है।

बृहस्पतिवार को निष्काम सेवा ट्रस्ट भूपतवाला में आयोजित पत्रकार वार्ता में शंकराचार्य ने कहा कि कंप्यूटर के युग में सनातन को भी विकृत किया जा रहा है।

हिंदुओं की उपेक्षा न हो

केंद्रीय व राज्य का शासनतंत्र इसके लिए जिम्मेदार है। वह विकास के पक्षधर हैं लेकिन इसको स्वस्थ ढंग से परिभाषित और क्रियान्वित किया जाना चाहिए।

सनातन, गोवंश, गंगा, पर्यावरण दूषित न हो, महंगाई न हो विकास ऐसा परिभाषित हो। गोमांस पर प्रतिबंध के सवाल पर कहा कि कोरी भावुकता व संकीर्णता से इसे नहीं रोका जा सकता। हिंदुओं की उपेक्षा भी नहीं की जा सकती है इसलिए सद्भाव पूर्वक काम करना होगा।

स्त्रोत : अमर उजाला

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