हम नारायण मूर्ती से पूछना चाहते हैं कि, आज देश के असम, बंगाल, केरल जैसे राज्यों में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार उन्हें क्यों नहीं दिख रहे ? कश्मीर में १९९० के दशक में जब वहां के साडेचार लाख अल्पसंख्यक हिन्दुआें को निर्वासित होना पडा तब मूर्ती क्यों कुछ नहीं बोले ? – हिन्दूजागृति
नर्इ देहली – इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने एक कार्यक्रम में कहा है कि, देश के अल्पसंख्यक लोगों के मन में भी डर समाया हुआ है। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक विकास के लिए लोगों के मन से डर निकालना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि उनके पास बहुत से ईमेल आते हैं, जिनके जरिए लोग चिंता व्यक्त करते हैं। वे बोले कि लोगों की परेशानियों को जानने के बाद उन्हें यही लग रहा है कि यूपीए और एनडीए सरकार में कोई फर्क नहीं है।
वे बोले, “यूं तो मैं कोई नेता नहीं हूं, न ही मेरी राजनीति में कोई रुचि है, किंतु अल्पसंख्यकों में एक डर है। उन लोगों में डर समाया हुआ है जो अपने प्रदेश को छोडकर दूसरे प्रदेशों में रह रहे हैं। लोगों के बीच भरोसे और उत्साह का माहौल बनाना बहुत जरूरी है, तभी आर्थिक प्रगति हो सकेगी।
स्त्रोत : अमर उजाला