ज्येष्ठ शुक्लपक्ष १, कलियुग वर्ष ५११६
ईसाईयोंका धर्मांतरका षड्यंत्र निरस्त करने हेतु अब संगठित हुए बिना हिंदुओंको कोई चारा नहीं !
मुंबई : यहांके सांताक्रूज परिसरमें हिंदुओंके छोटे बच्चोंको ग्रीष्मकालीन कार्यशालाके बहाने अपने साथ लेकर, एक धागेद्वारा सम्मोहित कर उनका धर्मांतर करवानेवाले ईसाई धर्मप्रसारकोंके विरुद्ध बच्चोंके अभिभावकोंने वाकोला पुलिस थानामें परिवाद प्रविष्ट किया है । ( आजतक कांग्रेसी शासनकर्ताओंद्वारा एक विदेशी ईसाई महिलाके तालपर नाचते रहनेके कारण ही ऐसी घटनाएं दबाई जाती थीं । यह स्थिति परिवर्तन करने हेतु हिूं राष्ट्र ही आवश्यक ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. यहांके सुभाष बर्जेके उपनिवेशमें आनेवाले कुछ लोगोंने १२ से १७ मईकी कालावधिमें बच्चों हेतु ग्रीष्मकालीन कार्यशालाका आयोजन किया था ।
२. धर्मप्रसारकोंने ६ से १४ वर्षकी आयुके बच्चोंको अपने साथ ले जाकर उन्हें सम्मोहित कर बताया कि तुम्हारे अंदर असुर है । अत: तुम्हारा रक्त काला हो गया है । तुम्हारे ईश्वरमें शक्ति नहीं । येशू ही तुम्हें उस असुरसे मुक्ति दे सकता है । तुम घरके लोगोंको न बताकर ७ दिन येशूका जप करो । ( हिंदुओंको धर्मशिक्षा न होनेके कारण ही अन्य पंथीय इस प्रकार ईश्वरके विरुद्ध बोलकर हिंदुओंका धर्मांतर करते हैं ! क्या इसकी ओर हिंदू कभी गंभीरतासे ध्यान देंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. तदनंतर काला, लाल, सफेद एवं सुनहरे रंगके मणि वाला एक धागा बच्चोंको हाथमें बांधने हेतु दिया; किंतु अभिभावकोंको उस विषयमें कुछ भी न बोलने हेतु बच्चोंको बताया गया । ( ईसाईयोंकी धूर्त नीति पहचानें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. सम्मोहित करनेसे कुछ बच्चोंकी मानसिक अवस्था बदल रही है, यह बात ध्यानमें आनेपर कुछ धर्माभिमानियोंने इस घटनाकी विस्तृत जानकारी प्राप्त की । उस समय यह धर्मांतरकी ही घटना होनेकी बात सामने आई ।
५. सुभाषके साथ अन्य लोगोंने पुलिस थानामें परिवाद प्रविष्ट किया । तदनुसार पुलिसने धर्मप्रसारकोंको बुलाकर उनसे भी जानकारी ली तथा उन्हें छोड दिया ।
६. पुलिस उपायुक्त नामदेव चौहानने परिवाद करनेवालोंको २ दिनोंमें कठोर कार्यवाही करनेका आश्वासन दिया है । ( धोखा देकर हिंदुओंका धर्मांतर करनेवालोंको छोड देनेपर इस प्रकारके आश्वासनमें क्या अर्थ रह जाता है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात