भारत में कथित असहिष्णुता का वातावरण बढने का आरोप लगानेवाले साहित्यकार एवं अन्य धर्मनिरपेक्षतावादी, बांग्लादेश की घटना पर अब चुप क्यों हैं ? यदि कोई कहे कि भारतीय धर्मनिरपेक्षतावादी,अपने विरोधी का मुख देखकर ही विरोध करनेे अथवा न करनेकी बात सोचते हैं, तो यहअनुचित नहीं होगा ! – हिन्दूजागृति
ढाका : दिवंगत धर्मनिरपेक्ष लेखक तथा ब्लॉगर अविजीत रॉय के साथ काम करने वाले एक बांग्लादेशी प्रकाशक की शनिवार को अज्ञात हमलावरों ने गला काट कर हत्या कर दी। इससे कुछ ही समय पहले दो धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों और रॉय के एक अन्य प्रकाशक पर अलग-अलग घटनाओं में हमले किए गए थे।
मध्य ढाका के शाबाग इलाके में ४३ वर्षीय फैसल अराफीन दिपान की एक इमारत में उनके तिसरे तल पर स्थित कार्यालय में हत्या कर दी गई। ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के प्रवक्ता ने बताया, ‘दीपान की कंधे पर लगे घावों के कारण मौत हो गई।’ बांग्लादेश पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता नजरूल इस्लाम ने बताया कि दीपान का गला काटा गया और उसने उसी समय दम तोड़ दिया। दीपान के पिता अबुल कासिम फजलुल हक ने कहा, ‘मैंने उसे खून से लथपथ औंधे मुंह पड़े देखा। वह मर चुका था।’ हक स्वयं एक जाने माने विद्वान और लेखक हैं। उन्होंने कहा कि उनके बेटे की हत्या में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का विरोध करने वालों का हाथ है।
चश्मदीदों ने कहा कि उन्होंने सुपर मार्केट से भी गोलियों की आवाजें सुनीं। इससे कुछ ही घंटे पहले अज्ञात हमलावरों ने दो धर्मनिरपेक्ष लेखकों और रॉय की किताबों के एक अन्य प्रकाशक पर हमला किया, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। पुलिस ने यह जानकारी दी। हमले की दोनों घटनाओं में एक चीज समान रूप से देखी गई कि हमलावरों ने अपराध को अंजाम देने से पहले पीड़ितों को उनके कार्यालयों में बंद कर दिया। बता दे की, अभिजित राॅय की यहां इस वर्ष २६ फरवरी को एक पुस्तक मेले के समीप हत्या कर दी गर्इ थी।
दीपान जागृति प्रकाशन चलाते थे जिसका कार्यालय अजीज सुपर मार्केट में है। दीपान पर हुए हमले के दिन ही दोपहर बाद करीब ढाई बजे लालमटिया इलाके में अज्ञात हमलावरों ने रॉय की किताबों के एक अन्य प्रकाशक अहमदुर राशिद तुतुल पर भी हमला किया। शुद्धस्वर प्रकाशन के कार्यालय में हुए हमले के बाद इस प्रकाशन के मालिक ४३ वर्षीय तुतुल समेत ५० वर्षीय रानादीपम बासु और ३० वर्षीय तारीक रहीम को अस्पताल में भर्ती करॉया गया। तुतुल की हालत गंभीर बताई जाती है। इस वर्ष फरवरी में रॉय की हत्या के बाद फेसबुक पर जान से मारने की धमकियां मिलने के बाद तुतुल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। ब्लॉगर वाशिकुर रहमान की ३० मार्च को मध्य ढाका में, लेखक और ब्लॉगर अनंत बिजाॅय दास की १२ मई को सिलहट में और ७ अगस्त को नीलाद्री निलाय चट्टोपाध्याय की ऐसे ही हमले में हत्या कर दी गई थी।
अल कायदा से जुड़े कट्टरपंथी संगठन अंसार अल इस्लाम ने सोशल मीडिया पर इन हत्याओं की जिम्मेदारी लेते हुए ब्लॉगरों को इस्लाम और अल्लाह के दुश्मन करार दिया है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स