नई देहली : इस्लामिक स्टेट के लिए ऑनलाइन भर्ती करने के आरोप में बन्दी बनार्इ गर्इ अफ्शा जबीन उर्फ निकी जोसफ और उसका परिवार वर्ष २००९ में वीजा खत्म होने के बाद से गैरकानूनी तौर पर दुबई में रह रहा था। उनके पास वीजा बढवाने के लिए पैसे नहीं थे।
वर्ष २०१२ और २०१३ में दूसरी और तीसरी बेटी के प्रिमैच्योर जन्म के बाद अफ्शा और उसके पति देवेंद्र कुमार बत्रा का पासपोर्ट दुबई के हॉस्पिटल प्रशासन ने रख लिया था क्योंकि उन्होंने हॉस्पिटल का शुल्क नहीं चुकाया था । बत्रा ने अफ्शा से शादी के बाद इस्लाम कबूल कर लिया था।
जबीन ने आईबी अधिकारियोंको बताया कि दुबई में कानूनी तौर पर रहने के लिए उन्हें अधिकारियोंको बहुत धन का भुगतान करना पडता।
जबीन को अपने साथी सलमान मोइउद्दीन के साथ दुबई से इसी साल सितंबर में भारत लाया गया था। इन दोनोंपर कई युवाओंको अलग-अलग आतंकवादी गुटों में सहभागी होने के लिए उकसाने का आरोप है। जांच एजेंसियां जबीन से उसके उन सहयोगियोंके बारे में प्रश्न कर रही हैं जो युवाओंको सोशल नेटवर्किंग के जरिए आतंकवाद के लिए उकसाते हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स