ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष तृतीया , कलियुग वर्ष ५११६
-
मस्जिदोंपर लगे अवैध ध्वनिवर्धक हटाने हेतु कोल्हापुरमें आयोजित राष्ट्रीय हिंदू आंदोलनमें कथित हिंदुत्वनिष्ठोंद्वारा रुकावट डालनेका प्रयास
-
तथाकथित हिंदुत्वनिष्ठोके विरोधकी परवाह न कर वैध पद्धतिसे आंदोलन करनेवाले धर्माभिमानी हिंदुओंका अभिनंदन !
कोल्हापुर : जिलेकी मस्जिदोंपर लगे ध्वनिप्रदूषण करनेवाले अवैध पद्धतिसे लगाए गए ध्वनिवर्धक त्वरित हटाए जाएं, इस प्रमुख मांग हेतु राष्ट्रीय हिंदू आंदोलनकी ओरसे यहांके शिवाजी चौकमें २८ मईको प्रात: ११.३० बजे निदर्शन किए गए । इस अवसरपर धर्मांधोंने भी मत देकर श्री. नरेंद्र मोदीको चुनकर दिया है । विधानसभा चुनाव सिरपर है, ऐसेमें इस प्रकारके आंदोलन कर हिंदू-धर्मांध तनाव उत्पन्न न करें, ऐसा आरोप लगाकर कर कुछ तथाकथित हिंदुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओंने राष्ट्रीय हिंदू आंदोलनमें बाधा डालनेका प्रयास किया; किंतु आंदोलनमें उपस्थित हिंदुत्वदियोंने इस विरोधकी परवाह नहीं की । ( हिंदुओंके वैध आंदोलनमें रुकावट डालनेवाले ऐसे कथित हिंदुत्ववादी संगठन हिंदुओंके अथवा धर्मांधोंके ! आजतक हिन्दू जनजागृति समितिके आंदोलनको धर्मांधोंने कभी आपत्ति नहीं उठाई किंतु ऐसे कथित हिंदुत्ववादियोंके संगठन ही हिंदू धर्मके वास्तविक शत्रु हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
प्रशासन सर्वोच्च न्यायालयके आदेशका पालन करे, इस हेतु आंदोलन पूर्वनियोजित !
राष्ट्रीय हिंदू आंदोलनकी ओरसे मस्जिदोंपर लगे ध्वनिप्रदूषण करनेवाले कष्टकारी अवैध ध्वनिवर्धक हटानेके विषयमें दो दिन पूर्व लक्ष्मीपुरी पुलिस थानामें परिवाद प्रविष्ट किया गया है । २८ मईको प्रदर्शन करना निश्चित किया गया था, तथा यह आंदोलन करने हेतु लक्ष्मीपुरी पुलिस थानाने अनुमति भी दी थी ।
कथित हिंदुत्ववादियोंका धर्मांध प्रेम !
(कहते हैं ) धर्मांधोंने श्री. नरेंद्र मोदीको मतदान किया है !
१. शिवाजी चौकपर प्रदर्शन आरंभ होनेपर थोडे समयमें कुछ तथाकथित हिंदुत्ववादी आंदोलनके स्थानपर आए । उन्होंने हिन्दू जनजागृति समितिके राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे तथा हिन्दू जनजागृति समितिके श्री. शिवानंद स्वामीको आंदोलनके स्थानसे दूर बुला लिया । उस समय उनके कार्यकर्ताओंने उन्हें घेरा तथा श्री. शिंदे एवं श्री. स्वामी पर प्रश्नोंकी बौछार की । ( एक हिंदुत्ववादी संगठनके प्रमुखको आंदोलनसे अलग बुलाकर इस प्रकार घेरकर दबाव लानेवालोंको क्या कभी भी हिंदुत्ववादी कह सकते हैं ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
२. एक कार्यकर्ताने कहा, देशमें श्री. नरेंद्र मोदीकी सत्ता आई है । यह सत्ता आने हेतु धर्मांधोंने भी उन्हें मतदान किया है । श्री. मोदीकी सत्ता आनेसे धर्मांध स्वयं पटाखे जलाकर खुशी मना रहे हैं । देशमें शांतिका वातावरण रहते हुए आप मस्जिदोंपर लगे ध्वनिवर्धक हटानेका सूत्र अभी ही क्यों निकाल रहे हैं ? ( धर्मांधोंद्वारा श्री. मोदीके विजयका पटाखे बजाकर स्वागत करनेसे अवैधपद्धतिसे मस्जिदोंपर स्थापित ध्वनिवर्धकोंद्वारा होनेवाला कष्ट हिंदू सह लें, क्या इन कथित हिंदुत्ववादियोंका ऐसा कहना है ? केवल पटाखोंपर विश्वास रखनेसे धर्मांध धर्मांध राष्ट्रवादी बने हैं, क्या कथित हिंदुत्ववादियोंको ऐसा लगता है ? यदि ऐसा है, तो शांतिपूर्ण पद्धतिसे आरंभ इस आंदोलनमें सम्मिलित हिंदुओंका कहना सुनकर धर्मांध मस्जिदोंपर लगे ध्वनिवर्धक हटाएंगे, इन कथित हिंदुत्ववादियोंको इसपर विश्वास क्यों नहीं है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. दूसरे कार्यकर्ताने कहा, आप मेरे साथ अंदर चलो । हम मस्जिदोंपर लगे सभी ध्वनिवर्धक हटा देंगे । क्या आपके आंदोलनसे मस्जिदोंपर लगे ध्वनिवर्धक हटनेवाले हैं ? ( मस्जिदोंपर चढकर ध्वनिवर्धक उतारनेका साहस इन कथित हिंदुत्ववादियोंमें होता, तो धर्माभिमानी हिंदुओंको यह आंदोलन करनेकी आवश्यकता ही नहीं होती । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) आप केवल वातावरण गरम करने हेतु ऐसे आंदोलन करते हैं तथा तदनंतर घर जाकर दूरदर्शन देखते हैं । आप आग मत लगाओ । कोल्हापुरमें शांतिका वातावरण रहने दें । ( वैध एवं शांतिपूर्ण पद्धतिसे आंदोलन करनेपर वातावरण गरम हानेका प्रश्न ही नहीं उठता ! झूठे आरोप लगानेवाले ऐसे कथित हिंदुत्ववादियोंके कारण ही हिंदुत्ववादी अर्थात गरम दिमागके, समाजमें ऐसा अनुचित संदेश गया है । अत: हिंदुओंको धर्मकी स्थिति अच्छी रखने हेतु ऐसे कथित हिंदुओंको सर्वप्रथम ठीकसे धर्म समझाना आवश्यक है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) केवल ध्यान आकर्षित करने हेतु आंदोलन आयोजित न करें । ( आजतक इन कथित हिंदुत्ववादी संगठनद्वारा आयोजित अनेक आंदोलन केवल ध्यान आकर्षित करने हेतु ही होनेकी बात स्पष्ट हुई है । इसके विपरीत हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित अनेक वैध आंदोलनोंको ईश्वरकी कृपासे वादातीत यश प्राप्त हुआ है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) विधानसभाके चुनाव निकट आनेके कारण आप ऐसे आंदोलन न करें !
४. यह आंदोलन केवल कोल्हापुर शहरमें ही न होकर संपूर्ण देशमें चल रहा है । समिति कानूनके विरुद्ध न जाकर, वैध पद्धतिसे जनजागृति करनेका कार्य करती है, तथा इस आंदोलन एवं राजनीतिका कोई संबंध नहीं, श्री. शिंदे तथा श्री. स्वामीके ऐसा समझानेपर भी उन कार्यकर्ताओंको सुननेकी मानसिकता नहीं थी । वे स्वयंके मतपर दृढ थे ।
५. इस आंदोलनके संदर्भमें हिंदुत्ववादियोंको पूर्वसूचना दी थी । इन कथित हिंदुत्ववादियोंको इस संदर्भमें आंदोलनसे पूर्व भेंट कर अपनी आपत्ति बताकर चर्चा करना आवश्यक था; किंतु सीधे आंदोलनके स्थानपर आकर प्रसिद्धिमाध्यमोंके सामने विरोध करनेसे हिंदुओंके मध्य भिन्नता होनेका संदेश समाजमें जा सकता है तथा हिंदुसंगठनके कार्यमें बाधा उत्पन्न हो सकती है, यह बात इन कथित हिंदुत्ववादियोंको ध्यानमें रखना अपेक्षित था । ( केवल स्वार्थ हेतु तथा स्टंटबाजीके रूपमें हिंदूके ही विरुद्ध इस प्रकारका कृत्य करनेवाले तथाकथित हिंदुत्ववादी संगठन हिंदू हित क्या साधेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात