अब मोदी सरकार, जनता को बताए कि वह इस विश्वविद्यालय पर क्या कार्यवाही करनेवाली है ? – हिन्दूजागृति
नई दिल्ली: आपको बता दें की, आध्यात्मिक और पौराणिक परंपराओं एवं भारतीय मूल्यों को संसार में स्थापित करने के उद्देश्य से योग और भारतीय संस्कृति पर एक लघु-अवधि पाठ्यक्रम आरंभ करने का एक प्रस्ताव जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय अर्थात जे. एन्. यू. के समक्ष रखा गया था । जे. एन्. यू. ने वह प्रस्ताव निरस्त कर दिया है ।
इस पर पांचजन्य नियतकालिक मेें जेएनयू पर आरोप लगाया गया है कि, वह एक विशाल, राष्ट्रविरोधी समूह का अड्डा है जिसका उददेश्य भारत का विघटन करना है । इसमें छपे एक लेख में दावा किया गया है कि, जेएनयू, नियमित रूप से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का आयोजन करता है ।
एक अन्य लेख में आरोप लगाया गया है कि जेएनयू एक ऐसा संस्थान है जहां राष्ट्रवाद को एक अपराध समझा जाता है । यहां भारतीय संस्कृति को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करना साधारण बात है । यहां कश्मीर से सेना हटाए जाने का समर्थन किया जाता है ।
जेएनयू के छात्रसंघों को आरएसएस ने नक्सल समर्थक छात्रसंघ करार दिया है | मुखपत्र में कहा गया है कि २०१० में दांतेवाड़ा में सी.आर.पी.एफ. के ७५ जवानों की हत्या पर जे.एन.यू. में खुलेआम जश्न मनाया गया था |
स्त्रोत : एबीपी