इंदौर/नई दिल्ली : भाजप के सचिव तथा मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने असहिष्णुता के मुद्दे पर शाहरुख खान के वक्तव्य के बाद उन पर तीखा हमला किया है। उन्होंने मंगलवार रात एक के बाद एक कई ट्वीट किए। इसमें शाहरुख को भारत विरोधी करार देते हुए कहा, ‘वे रहते तो भारत में हैं किंतु उनका मन सदा पाकिस्तान में रहता है। उनकी फिल्में भारत में करोड़ों कमाती हैं लेकिन उन्हें भारत असहिष्णु नजर आता है। यह देशद्रोह नहीं है तो क्या है।’
विजयवर्गीय के अनुसार, ‘‘भारत यूएन सिक्युरिटी काउंसिल का स्थायी सदस्य बनने की कोशिश कर रहा है और पाक समेत भारत विरोधी ताकतें साजिश कर रही हैं। असहिष्णुता के माहौल का दुष्प्रचार इसी साजिश का हिस्सा है। शाहरुख की टिप्पणी पाक और देश विरोधी ताकतों के सुर में सुर मिलाना है। आज पूरी दुनिया भारत का सम्मान कर रही है तो असहनशीलता बढने की बात करना देश को दुनिया के सामने कमजोर करना है।’’ भाजपा महासचिव ने सवाल किया, ‘आखिर क्यों, शाहरुख जैसे कुछ तथाकथित ठेकेदारों को असहिष्णुता का अहसास पहले नहीं हुआ। मुख्यत: जब मुंबई बम धमाका, भारतीय संसद पर हमला, बेंगलुरू बम विस्फोट और २६/११ जैसी घटनाएं हुर्इ।’
विपक्ष ने मोदी से मुकाबले के लिए शिखंडियों को आगे किया : साक्षी महाराज
सांसद साक्षी महाराज ने कहा है कि, जब पूरा विपक्ष नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर पाया तो कुछ शिखंडियों को आगे कर दिया है। साहित्य व कला जगत के ये वही लोग हैं जो विपक्षी सरकारों में रेवडिय़ां पाते रहे हैं। साक्षी महाराज ने मीडिया से कहा कि देश में असहिष्णुता नहीं बढ़ी, असहिष्णु तो वे हो गए हैं जो देश को ७० सालों से लूटते रहे। जब उनकी पोल खुलने लगी तो सब मिल कर असहिष्णुता का राग अलाप रहे हैं।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर
विजयवर्गीय के अनुसार, ‘‘भारत यूएन सिक्युरिटी काउंसिल का स्थायी सदस्य बनने की कोशिश कर रहा है और पाक समेत भारत विरोधी ताकतें साजिश कर रही हैं। असहिष्णुता के माहौल का दुष्प्रचार इसी साजिश का हिस्सा है। शाहरुख की टिप्पणी पाक और देश विरोधी ताकतों के सुर में सुर मिलाना है। आज पूरी दुनिया भारत का सम्मान कर रही है तो असहनशीलता बढने की बात करना देश को दुनिया के सामने कमजोर करना है।’’ भाजपा महासचिव ने सवाल किया, ‘आखिर क्यों, शाहरुख जैसे कुछ तथाकथित ठेकेदारों को असहिष्णुता का अहसास पहले नहीं हुआ। मुख्यत: जब मुंबई बम धमाका, भारतीय संसद पर हमला, बेंगलुरू बम विस्फोट और २६/११ जैसी घटनाएं हुर्इ।’
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