फरिदाबाद (हरियाणा) में हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा हिन्दू संगठन सम्मेलन
वल्लभगढ-फरिदाबाद (हरियाणा) : आज जो व्यक्ति धर्म एवं गोरक्षा हेतु कार्य करती है, उसे प्रसारमाध्यम ‘गुंड’ के रूप में संबोधित करते हैं।
जो गोवंशियोंकी हत्या करते हैं, उन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती। गोवंशहत्या बंदी कानून पारित करने हेतु, प्रशासन से आशा रखना असंभव है। इसलिए हमें सभी हिन्दुओंका संगठन बढाना आवश्यक है। यहां हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा आयोजित हिन्दूसंगठन सम्मेलन में पंजाब गोरक्षा दल के अध्यक्ष श्री. सतीश प्रधानद्वारा ऐसा प्रतिपादित किया गया।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति की कु. कृतिका खत्री, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस के अधिवक्ता श्री. विष्णु शंकर जैन एवं अखिल भारत हिन्दू युवक महासभा के श्री. राकेश कौल गुरखा उपस्थित थे।
हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा फरिदाबाद के पंजाबी धर्मशाला में हिन्दूसंगठन सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में पंजाब, हरियाणा, नई देहली एवं उत्तरप्रदेश के विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनोंके प्रतिनिधि, पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
हिन्दुत्व की रक्षा के लिए धर्मपालन आवश्यक ! – श्री. रुपेश यादव, अध्यक्ष, गोमानव सेवा समिति
‘धर्मसंस्कृति की होनेवाली हानि’ इस विषय पर बोलते हुए श्री. रुपेश यादव ने कहा कि ‘हिन्दू धर्म’ ईश्वर निर्मित है। धर्म में पूज्य गोमाता की आज हत्या हो रही है। उसकी एवं हिन्दुत्व की रक्षा के लिए धर्म, संस्कृति एवं धर्मपालन करना आवश्यक है।
संतोंके आशीर्वाद के कारण ही सनातन संस्था का कार्य बढ रहा है ! – श्री. भूपेश शर्मा, सनातन संस्था
आज अनेक प्रसारमाध्यम बिना किसी भी प्रमाण के हिन्दुत्वनिष्ठ संस्था एवं संगठनोंकी अपकिर्ति कर रहें हैं। पिछले २० वर्ष से अधिक समय से ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु कार्यरत सनातन संस्था धर्मशिक्षा एवं धर्मजागृति का उच्च अतुलनीय कार्य कर रही है। ऐसा होते हुए भी आज सनातन संस्था पर अकारण प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है। ऐसी स्थिती में, केवल संतोंके आशीर्वाद एवं साधना के कारण ही संस्था का कार्य वृद्धिंगत हो रहा है।
प्रसारमाध्यमों में अधिकांश मात्रा में हिन्दू धर्मीय कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, फिर भी हिन्दू संतोंकी अपकिर्ति की जा रही है ! – श्रीमती नीलम दुबे
‘संतोंकी अपकिर्ति एवं प्रसारमाध्यमोंका खरा स्वरूप’ इस विषय पर उपस्थित लोगोंको संबोधित करते समय योग वेदांत सेवा समिति की प्रवक्ती श्रीमती नीलम दुबे ने कहा कि, प्रसारमाध्यमोंद्वारा ‘वर्ष २००८ में प. पू. आसारामबापू पर झूठे आरोप लगाए गए थे। आज प्रसारमाध्यमों में अधिक मात्रा में हिन्दू धर्मीय कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, फिर भी हिन्दू संतोंकी अपकिर्ति की जा रही है।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात