ज्येष्ठ शुक्लपक्ष ५, कलियुग वर्ष ५११६
हिंदू जनजागृति समितिद्वारा अपराधियोंपर कठोर कार्यवाही करनेकी मांग
मुंबई-कुछ धर्मांधोंद्वारा ३१ मईको संध्या समय ‘फेसबुक’के एक पृष्ठपर श्री गणपति, श्री सरस्वतीदेवी, भगवान शिव आदि हिंदुओंके देवी-देवता, छत्रपति शिवाजी महाराज एवं शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरेके छायाचित्रका उपयोग कर अश्लील एवं आपत्तिजनक संदेश प्रसारित किए गए । यह घटना जानबुझकर हिंदु समाजकी भावनाओंको भडकाने हेतु की गई है एवं अत्यंत निषेधार्ह है । इससे पूर्व भी अनेक बार ऐसी घटनाएं हुई हैं; परंतु सरकारद्वारा उनको कोई महत्व नहीं दिया गया एवं इन घटनाओंके लिए उत्तरदायी व्यक्तियोंपर कोई कार्यवाही नहीं की गई । इसलिए दिन-ब-दिन ऐसी घटनाएं बढ रही हैं । कथित छायाचित्रोंको देखकर हिंदु युवकोंकी भावनाओंका उद्रेक होकर उन्हें मार्गपर उतरकर आंदोलन करना पडा । हिंदू जनजागृति समितिके एक प्रसिद्धिपत्रकद्वारा ऐसा मत व्यक्त किया गया है कि इस घटनाके लिए कांग्रेसकी सेक्युलर (धर्माfनरपेक्ष) सरकार ही उत्तरदायी है ।
पिछले ११ वर्षोंसे हिंदू जनजागृति समिति चलचित्र, नाटक, विज्ञापन, चित्रप्रदर्शनी तथा पुस्तके आदि विविध माध्यमोंसे होनेवाले हिंदु देवी-देवता, संत, राष्ट्रपुरुष एवं क्रांतिकारियोंका विडंबन रोकने हेतु कार्यरत है । समितिद्वारा निरंतर सरकार, केंद्रीय परिनिरीक्षण मंडल, प्रशासन, पुलिस तंत्र आदिसे मिलकर कार्यवाही करनेकी मांग की गई है; परंतु अल्पसंख्यकोंके प्रकरण संवेदनशील रूपसे एवं तत्परतासे हथियाए जाते हैं; तथा बहुसंख्यक हिंदुओंके धर्मभावनाओंपर साधारणसा ध्यान भी नहीं दिया जाता । सदैव ऐसी ही परिस्थिति रहती है । इसका परिणाम अब सामने आ रहा है । हिंदू जनजागृति समितिद्वारा मांग की गई है कि अब तो शासन उसके सेक्युलरिज्मके (धर्माfनरपेक्षता) दिखावेको अलग रखकर इस प्रकरणमें त्वरित एवं कठोर कार्यवाही कर इसपर स्थायी रूपसे समाधान ढूंढे । अन्यथा सरकारको हिंदुओंकी रूष्टताका सामना करना पडेगा, जिसके लिए संपूर्ण रूपसे शासन उत्तरदायी होगा ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात