ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष ६ , कलियुग वर्ष ५११६
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इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा है। अब पाक राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने कहा है कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं के अनुसार कश्मीर मुद्दे को हल करना चाहता है। इतना ही नहीं, पाक राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर मसले पर हस्तक्षेप करने की भी बात कही है।
पाक राष्ट्रपति हुसैन ने सोमवार को कहा, ठकश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव और कश्मीरियों की आकांक्षाओं के मद्देनजर हल होना चाहिए। उन्होंने ये बात संसद भवन में अपने संबोधन में कहा है।
उन्होंने ये भी कहा है कि बीते सप्ताह पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भारत दौरा यह संकेत देता है कि हमारा देश पड़ोसी मुल्क के साथ शांति और अमन स्थापित करने को इच्छुक है। गौरतलब है कि शरीफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में आए हुए थे।
राष्ट्रपति हुसैन ने दूसरे संसदीय वर्ष के शुरुआत में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना पहला भाषण दिया है। संविधान के तहत, हर नए संसदीय वर्ष की शुरुआत देश के शीर्ष नेता यानी राष्ट्रपति के संबोधन से होती है।
हुसैन ने देश को आर्थिक गति देने के अलावा आतंकवाद को खत्म करने की कसम भी खाई। इस दौरान सत्तारूढ दल के हुसैन ने बीते साल पीएमल-एन सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं।
भारत पर नजर गड़ाए हुए चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा सुरक्षा संसाधनों को बढ़ाने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि उन्होंने पाकिस्तान से डील करने के लिए अजीत डोवाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया है। बता दें कि डोवाल आईबी के निदेशक के तौर पर २००५ में रिटायर हुए थे। उनके बारे में कहा जाता है कि पाकिस्तान में उन्होंने लंबा वक्त गुजारा है और उस दौर में वह वहां के काहूता एटमी प्लांट पर नजर रखते थे। उन्हें गुप्तचर के रूप में काम करने का लंबा तजुर्बा है।
डोवाल के साथ-साथ नरेंद्र मोदी के दूसरे सिपहसलार रिटायर्ड जनरल वीके सिंह होंगे। उन्हें उत्तर-पूर्वी राज्यों के मामलों को प्रभार दिया है। चीन से मिलते उत्तरपूर्वी राज्यों की सीमाओं पर करीब ८० हजार सैनिकों की तैनाती करने का विचार है। कांग्रेस पार्टी की यहां सुदूरवर्ती इलाकों में सड़कों और हवाई अड्डों को निर्माण करने की योजना थी। लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर सकी। गाजियाबाद से पहली बार सांसद बने वी.के. सिंह से आशा है कि डिफेंस ब्यूरोक्रेसी की मदद से इस काम में तेजी लाएंगे।
इस मामले में खुद प्रधानमंत्री को डायरेक्ट रिपोर्ट की जाएगी। सिंह ने कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्यों का विकास हमारी पहली प्राथमिकता होगी। चीन भारत के ९० हजार किमी. क्षेत्र पर अपना दावा पेश करता है। अरुणाचल प्रदेश को चीन भारत का हिस्सा मानने से मना करता है। उसने इस क्षेत्र में मिलिट्री ग्रेड हाइवे बनाए हैं। ताकि टैंक की आवाजाही की जा सकती है। मिंट न्यूजपेपर के संपादक संदीपन देब वी.के. सिंह की नियुक्ति को एक दम सही फैसला करार देते हैं।अफगानिस्तान में नाटो सेना के जाने के बाद सुरक्षा मामले से जुड़े मुद्दे मोदी सरकार की प्राथमिकता में होंगे। भारतीय कंपनियां अफगानिस्तान में आधारभूत ढांचा खड़ा करने का काम कर रही हैं। करीब २ बिलियन डॉलर भारत ने पड़ोसी देश में फंसा रखे हैं। मोदी सरकार को इस बात की भी चिंता है कि नाटो फौज के जाने के बाद इस्लामिक लड़ाकों की घुसपैठ कश्मीर में शुरू हो सकती है।
दोनों ही देश चार में से तीन जंग कश्मीर के मुद्दे पर लड़ चुके हैं। ६९ वर्षीय डोवाल ने बताया कि वे नियुक्ति से पहले अपनी प्राथमिकताएं नहीं बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली सरकार सुरक्षा के मामले में कोर सिक्युरिटी पॉलिसी बनाएगी। इसमें सबसे पहले किसी भी हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी प्राथमिकता में होगी।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर