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रामराज्यके लिए अयोध्यामें राममंदिर स्थापित होना आवश्यक ! : विनय पानवलकर, हिंदु जनजागृति समिति

ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६

देहलीके जंतरमंतरपर राष्ट्रीय हिंदु आंदोलन !


नई देहली : हिंदू जनजागृति समिति एवं अन्य हिंदुनिष्ठ संगठनोंद्वारा जंतरमंतरपर आयोजित राष्ट्रीय हिंदु आंदोलनमें बोलते हुए हिंदू जनजागृति समितिके श्री.विनय पानवलकरने प्रतिपादित किया कि केंद्रमें सत्तामें आई भाजपा सरकारने अपने चुनावके घोषणापत्रमें ‘राममंदिर’ की स्थापना करनेका उल्लेख किया है । अलाहाबाद उच्च न्यायालयद्वारा निर्णय दिया गया है कि अयोध्या रामजन्मभूमि है तथा वहां राममंदिर था । न्यायालयके आदेशके अनुसार रामजन्मभूमि विवादजनक नहीं है । इसलिए समस्त हिंदुओंकी मांग है कि न्यायालयका सम्मान कर केंद्रशासन शीघ्रातिशीघ्र विशाल राममंदिर बांधे । राममंदिर हिंदुओंका श्वास है । हिंदुओंका एक सपना है । पीछले अनेक वर्षोंसे राममंदिर स्थापित करने हेतु हिंदु लड रहे हैं । अतः सरकारको चाहिए कि वह हिंदुओंकी भावनाका सम्मान कर रामराज्य स्थापित करनेके लिए अयोध्यामें राममंदिरकी स्थापना करे । इस आंदोलनमें ७०० से अधिक धर्माभिमानी हिंदु सम्मिलित हुए थे ।
१. राष्ट्रवादी शिवसेनाके अध्यक्ष श्री जयभगवान गोयलने कहा, ‘यद्यपि केंद्रमें हिंदुनिष्ठ मोदीजीकी सरकार आई है, तब भी हिंदुओंकी सभी मांगें पूरी होनेतक हिंदु स्तब्ध न रहें । समय-समयपर विविध माध्यमोंसे इन मांगोंका स्मरण करवाना आवश्यक है । हिंदुओंको केंद्रसरकारके समक्ष अयोध्यामें राममंदिर स्थापित करनेके सूत्रका निरंतर पृष्ठपोषण करना आवश्यक है ।’

२.हिंदु महासभाके राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री.चंद्रप्रकाश कौशिकने कहा, ‘चुनावसे पूर्व भाजपाने अयोध्यामें राममंदिरका निर्माणकार्य करनेका आश्वासन दिया था । हिंदुओंने भाजपाको पूरे बहुमतके साथ सत्ता प्रदान की है । अतः श्री.मोदीजीको चाहिए कि वे हिंदुओंकी भावनाओंको जानकर शीघ्रातिशीघ्र विशाल राममंदिरका निर्माण कार्य करें ।

३.सनातन संस्थाकी कु.मनिषा माहूरने कहा, ‘एन.सी.ई.आर.टी.’ की पाठ्यपुस्तकमें मुगलोंके इतिहासके लिए  १५ पृष्ठ व्यय किए हैं; परंतु छत्रपति शिवाजी महाराजका इतिहास केवल ६ वाक्योंमें ही दिया गया है । शिवाजी महाराजका इतिहास इतना ओजस्वी है कि केवल ६ पंक्तियोमें नहीं समा सकता । इस प्रकारके अभ्यासक्रमसे बालमनपर ‘मुगल अच्छे थे’, ऐसा चूक संस्कार होनेका धोखा है । इसलिए यह चूक इतिहास हटाकर ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेजका संवर्धन करनेवाला भारतका सत्य इतिहास ‘एन.सी.ई.आर.टी.’की पाठ्यपुस्तकोंमें अंतर्भूत किया जाना चाहिए ।

आंदोलनमें सम्मिलित संगठन

वैदिक उपासना पीठ, हिंदु महासभा, राष्ट्रवादी शिवसेना, हिंदु डिफेन्स लीग, राष्ट्ररक्षा युवा वाहिनी, विश्व हिंदु परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सनातन संस्था, हिंदु जनजागृति समिति

आंदोलनके विषय

१. मस्जिदपर अवैधानिक रूपसे लगाए ध्वनिप्रदूषण करनेवाले भोंगे हटाए जाएं ।
२. अयोध्यामें न्यायालयके निर्णय एवं हिंदुओंकी भावनाओंका सम्मान करते हुए विशाल राममंदिरका निर्माणकार्य हो ।
३. ‘एन.सी.ई.आर.टी.’की पाठ्यपुस्तकोंके द्वारा होनेवाला अनादर रोका जाए ।

क्षणिकाः

आंदोलनके समय ७ समाचारपत्रके पत्रकार उपस्थित थे ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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