मुसलमान पुरुषों ने एक से अधिक पत्नी रखने की प्रथा के लिए कुरान की अनुचित व्याख्या की है । पूर्वकाल में जब कुरान में बहुविवाह की अनुमति दी गई, तब की परिस्थितियों के अनुसार, उसके कारण उचित थे । आज की स्थिति में मुसलमान पुरुष स्वार्थ पूर्ति के लिए बहुविवाह प्रथा का उपयोग कर रहे हैं । बहुविवाह का उल्लेख कुरान में केवल एक बार हुआ है और वह भी सशर्त है । मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अनुसार, एक साथ चार पत्नियों को रखना भारतीय संविधान का उल्लंघन है । अब वह समय आ गया है, जब समान नागरी कानून अपनाकर संविधान के उल्लंघन को रोका जाए ।
सर्वोच्च न्यायालय तथा अनेक उच्च न्यायालयों ने भी देश में समान नागरी कानून बनाने की बात बार-बार कही है । परंतु देशके किसी भी राजनीतिक दल की सरकार यह कानून नहीं बनाना चाहती । इसके पीछे मुसलमान तुष्टीकरण की नीति काम कर रही है । यह देश के लिए बहुतक बडा संकट है । – हिन्दूजागृति
स्त्रोत : आज तक