ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
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बेंगलुरु (कर्नाटका) : यहांके संस्कृति केंद्रमें हिंदु जनजागृति समितिद्वारा अधिवक्ताओंकी एक बैठक आयोजित की गई । इस बैठकमें दूरचित्रप्रणालके माध्यमसे होनेवाला देवी-देवताओंका अनादर रोकनेहेतु कर्नाटक राज्यमें वैधानिक मार्गसे लडाई करनेका निश्चय किया गया । हिंदु देवी-देवताओंके अनादरके कारण सभी हिंदुओंकी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं । तब भी दूरचित्रप्रणाल तथा सरकारी अधिकारियोंद्वारा उचित कार्यवाही न करनेके कारण हिंदु जनजागृति समितिद्वारा वैधानिक मार्गसे लडाई करनेकी घोषणा की गई है । इस कार्यक्रममें २६ अधिवक्ता उपस्थित थे । कार्यक्रममें सभी अधिवक्ताओंने दायित्व लेकर धर्मकार्यमें सम्मिलित होनेकी इच्छा व्यक्त की ।
१. अधिवक्ता श्री.सुरेश कुलकर्णीने, (हिंदु विधिज्ञ परिषद, संस्थापक सदस्य ) लवजिहाद, मंदिर सुरक्षा तथा अधिवक्ताका व्यवसाय करते समय साधनाके रूपमें धर्म तथा राष्ट्रहितका कार्य करना कैसे संभव है, इस विषयमें मार्गदर्शन किया ।
२. अधिवक्ता श्री.चेतन मनेरीकरने (हिंदु विधिज्ञ परिषदके कर्नाटक राज्यके समन्वयक ) उपस्थितोंको हिंदु विधिज्ञ परिषदद्वारा वैधानिक मार्गसे किया गया संघर्ष एवं इसमें आए अपने अनुभव बताए तथा इस धर्मलडाईकी अगली दिशा निश्चित की गई ।
३. अधिवक्ता श्री.नागेश ताकभातेने हिंदु विधिज्ञ परिषदको मिली सफलताके विषयमें बताया ।
४. अधिवक्ता श्री.अमृतेशने सभी अधिवक्ताओंको न्यूनतम १ घंटा धर्मसेवा करनेकी विनती की तथा कहा कि धर्मके लिए लडाई करने हेतु सभीको अग्रेसर होना आवश्यक है ।
५. अधिवक्ता श्री.अरुण के.एस.ने समितिके कार्यमें सहायता करनेकी इच्छा व्यक्त की । श्री.ए.आर.विवेकने धर्मग्रंथ तथा देवी-देवताओंका अवमान करनेवाले वेंडी डोनिगेर समान देशद्रोही लेखकोंके विरुद्ध न्यायालयमें अभियोग प्रविष्ट करनेकी इच्छा व्यक्त की ।
६. अधिवक्ता श्री.शशीकुमारने सूचना अधिकार कानूनका उपयोग धर्मकार्यके लिए कैसे करे, इस संदर्भमें सभी उपस्थित लोगोंको मार्गदर्शन किया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात