ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष ७ , कलियुग वर्ष ५११६
हिंदुओ, ईसाईयोंकी उद्दंडता समाप्त करने हेतु धर्मनिष्ठ राजनेताओंके हाथमें राज्यका कार्यभार सौपे !
जवार (जिला ठाणे) : तहसीलमें आदिवासी क्षेत्रके ९ सुशिक्षित हिंदु लडकियोंको नौकरीका लालच दर्शाकर उनका धर्मपरिर्तन करनेके उद्देश्यसे डोंगरीपाडामें बंद कर रखा गया था । इन लडकियोंको ईसाई बनाने हेतु 'क्रिएटिव इन्स्टिग्रेटेड सिस्टम्स (कायासिस) फाऊंडेशन' नामक कथित सेवाभावी संस्थाकी महिलाने पृष्ठपोषण किया था । ( यह ईसाईयोंका सच्चा स्वरूप है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) आदिवासी एकता परिषदके जवार तहसीलके अध्यक्ष शंकर इल्हातने इस स्थानपर पहुंचकर इन युवतियोंको मुक्त किया ।
१. ‘कायासिस’ संस्थाद्वारा संगणकसे संबंधित विविध क्षेत्रोंमें महिलाओंको नौकरी देनेके संदर्भमें विज्ञापन बनाया गया । इस विज्ञापनको अपूर्वा आगवन नामक महिलाने जवार, मोखाडा आदि क्षेत्रोंमें लगाया ।
२. यह पढकर ९ युवतियोंने संपर्क किया । उन युवतियोंको लेकर अपूर्वा आगवन महिला डोंगरीपाडामें आई ।
३. वहांपर लोहा उठाना, पाईप काटना तथा वेल्डींग करन जैसे काम करवाना आरंभ किया । ( क्या ये काम संगणकसे संबंधित हैं ? इस प्रकारसे सीधा फंसानेवाले व्यक्तियोंको पाठ पढाने हेतु छत्रपति शिवाजी महाराजसमान राजनेता चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. लडकियोंको ठाणेमें एक घरमें बंद कर रखा गया एवं ईसाई बननेपर सबकुछ देंगे ऐसा लालच दर्शाया गया । लडकियोंके न सुननेपर उनपर दबावतंत्रका उपयोग किया गया तथा उनका छल किया गया । ( क्रूर ईसाई ! ईसाईयोंकी इस क्रूरताको रोकने हेतु हिंदुओंको महाराष्ट्रमें धर्मपरिवर्तन विरोधी कानूनके कार्र्यवाहीकी मांग तीव्र करनी चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. परिणामतः राधिका खुतोडे युवती व्याधिग्रस्त हो गई । व्याधीके बढनेके कारण उसे घर भेजा गया । उसने घर आनेपर घरमें पूरी घटना बताई । इसपर इल्हातने ३० मईको दोपहर १.३० बजे डोंगरीपाडा क्षेत्रसे युवतियोंको मुक्त किया तथा वर्तकनगर पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किया ।( आदिवासी एकता परिषदके तहसील अध्यक्ष शंकर इल्हात समान धर्माभिमानी सर्वत्र हों ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात