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‘गिफ्टइज’ आस्थापनद्वारा संकेतस्थलसे भगवान गणपतिका विडंबनात्मक छायाचित्र हटाया गया

ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६ 

हिंदुओ, यह ध्यानमें लें कि बलवान हिंदुनिष्ठ नहीं, अपितु हिंदु जनजागृति समिति ही धर्मरक्षणार्थ प्रयास करती है !


हिंदुओ, इस सफलताके लिए ईश्‍वरके चरणोंमें कृतज्ञता व्यक्त करें !

मुंबई : पुणेके ‘गिफ्टइज’  आस्थापनद्वारा ‘सैमसंग’ आस्थापनके भ्रमणभाषके आच्छादनपर छापे गए भगवान गणपतिके विडंबनात्मक छायाचित्रका विज्ञापन www.giftease.com संकेतस्थलपर रखा गया था । एका हाथमें फलके रसका ग्लास लिए तथा विद्रूप मुखवाले गणपतिका छायाचित्र आच्छादनपर छापा गया था । यदि यह आच्छादन कूडेमें अथवा अन्य स्थानपर डाला गया, तो गणपतिका विडंबन भी होता है । इस विषयमें चंदीगढकी सनातनकी साधिका श्रीमती अनन्या सेठीने हिंदु जनजागृति समितिको सूचित किया ।

तत्पश्चात समितिने आस्थापनको निषेधपत्र भेजकर धर्महानि रोकनेकी मांग की । इस पत्रमें ‘देवी-देवताओंके ऐसे छायाचित्रोंके कारण हिंदुओंकी धार्मिक भावनाओंको व्यथित करनेसे वह एक अपराध हो सकता है एवं आस्थापनके व्यवसायपर भी विपरीत परिणाम हो सकता है,’ ऐसा कहा गया था । यह विज्ञापन हटाया गया अथवा नहीं, इसका पृष्ठपोषण करने हेतु जिस समय समितिके समन्वयक श्री. शिवाजी वटकरने ‘गिफ्टइज’ आस्थापनके कार्यालयके श्री. विवेक माथूरसे संपर्क किया, उस समय समितिके पत्रकी प्रविष्टि कर श्री. माथूरने कहा कि भगवान गणपतिका छायाचित्र हटाया गया है तथा कथित आच्छादनपर छापा गया छायाचित्र भी हटाया जाएगा ।

तदुपरांत समितिद्वारा आस्थापनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सूचित किया गया कि भविष्यमें देवी-देवताओंका अनादर न करें ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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