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हिंदु संगठनके कार्यमें कर्नाटकके अधिवक्ताओंका सहभाग !

ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष एकादशी, कलियुग वर्ष ५११६ 


बाई ओरसे अधिवक्ता श्री. दिनेश नाईक, अधिवक्ता श्री. सुरेश कुलकर्णी एवं अधिवक्ता श्री. नागेश ताकभाते 

उडुपी (कर्नाटक) : यहांके नैवेद्य उपाहारगृहके अनुग्रह सभाभवनमें हिंदु विधिज्ञ परिषदद्वारा अधिवक्ताओंकी बैठक आयोजित की गई थी । इस बैठकमें २६ अधिवक्ता उपस्थित थे । इस अवसरपर उडुपीके अधिवक्ता श्री. दिनेश नाईकने धर्मपर होनेवाले आघातोंके विषयमें विस्तृत जानकारी दी । उन्होंने कहा कि यदि भगवान श्रीकृष्णकी कृपा हो, तो किसी धमकीसे भयभीत होनेका कारण नहीं है ।

हिंदु विधिज्ञ परिषदका परिचय करवाते समय परिषदके अधिवक्ता श्री. नागेश ताकभातेने कहा, ‘यह परिषद हिन्दु जनजागृति समितिके एक भागके रूपमें न्यून साधनोंका उपयोग कर उत्तम कार्य कर रही है । हिंदुत्वके लिए कार्य करनेवाले राजनीतिज्ञ आनेपर भी हिंदुत्वके लिए किए जानेवाले कार्यका प्रारुप (कार्यसूची) उन्हें दिए बिना हम स्वस्थ नहीं रह सकते । जहां सुचारु रूपसे कार्य नहीं चलता, वहां हमें स्वयं ध्यान देकर (अग्रेसर होकर ) कार्य करना चाहिए ।’

हिंदु संगठनके कार्यमें अधिवक्ताओंके सहभागकी आवश्यकता ! – अधिवक्ता सुरेश कुलकर्णी

आज दूरचित्रप्रणालपर होनेवाले कार्यक्रमोंमें विज्ञापनोंके माध्यमसे हिंदु धर्म तथा देवी-देवताओंका अनादर किया जाता है । इसे रोकना हम सबका कर्तव्य है । हमें दूरभाषद्वारा, 'ई मेल' द्वारा इन विज्ञापनोंका निषेध कर उन्हें रोकना चाहिए । इतना ही नहीं, अपितु उनके उत्पादोंका बहिष्कार करना चाहिए । अन्य धर्मियोंके संदर्भमें अनादर होता हुआ दिखाई नहीं देता; क्योंकि वे संगठित हैं । उनके धर्मपर कोई आघात होते ही वे सब संगठित होते हैं । उसीप्रकार हमें संगठित होकर ऐसे लोगोंपर अभियोग दाखल करने चाहिए । हममें विद्यमान क्षात्रतेज एवं ब्राह्मतेजका धर्मकार्यके लिए प्रयुक्त करना चाहिए । हिंदुत्वके लिये कार्य करना अच्छा है; परंतु हमें निद्रिस्त रहकर नहीं चलेगा । अपने अपने जिलेमें अपने अधिकारोंकी रक्षा करनी चाहिए । हिंदु धर्मियोंके संदर्भमें चल रहे लैंडजिहाद एवं लवजिहादके षडयंत्र रोकने चाहिये । उसीप्रकार गणेशोत्सवमें हिंदुओंद्वारा होनेवाला भगवान गणेशजीकी मूर्तियोंका अनादर रोकना चाहिए ।  हम सबको संगठित होकर जागृति करना आवश्यक है । 

अधिवक्ताओंका अभिप्राय 

अधिवक्ता श्री. प्रभाकर नाईक, उडुपी : मार्च माहमें न्यायालयका कार्य चल रहा था । इस समय न्यायालयके सामनेसे पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडियाद्वारा अत्यधिक अनुशासनहीन पद्धतिसे, हिंदुओंके विरुद्ध जो मुंहमें आया, वह अश्लाघ्य बडबड करते हुये शोभायात्रा निकाली गई थी । न्यायालय चालू रहते समय शोभायात्रा निकालना एवं घोषणा करना अपराध है; इसलिए उनके विरुद्ध एफ.आय.आर.प्रविष्ट किया गया । इसलिए मुझे धमकी दी गई है । मेरे साथ अन्य कोई न आनेके कारण मुझे बुरा लगा । आजका कार्यक्रम देखनेपर मेरे साथ हिंदुत्वका कार्य करनेवाले अनेक लोग हैं, यह देखकर आनंद हुआ । स्थानीय हिंदुओंकी किसी भी समस्याके लिए कभी भी निःशुल्क सेवा देनेके लिए मैं सिद्ध हूं ।

अधिवक्ता श्री. रामदास नाइक, कुंदापुर : मैं दो वर्षोंसे समितिके साथ  कार्य कर रहा हूं । केवल हिंदु जनजागृति समिति ही निम्नस्तरपर जाकर अन्यायके विरुद्ध कार्य करती है । 'मैं हिंदु हूं', यह कहते हुए मुझे अभिमान प्रतीत होता है । दो वर्षोंमें मेरेसे बनी उतनी सेवा मैंने की है । महाराष्ट्रसे आए अधिवक्ताओंको बोलते समय देखकर मुझमें बहुत साहस आ गया है । अब मैं अधिक सतर्क हो गया हूं । ऐसे कार्यक्रमोंमें निश्चीत रुपसे भाग लेना चाहिये । ऐसे कार्योंके लिए हमें एक समिति स्थापित करनी चाहिये । आज उडुपी तहसील, जिलास्तरपर एक संचालक समिति नियुक्त कर हमें सक्रिय होना चाहिये । हिंदु जनजागृति समिति अधर्मके विरुद्ध संघर्ष कर रही है । उसको हमें सक्रिय समर्थन देना चाहिए । हम किसीके अधिकारोंके विरुद्ध नहीं, अपितु हमारे अधिकारोंके लिये संघर्ष कर रहे हैं । इसलिए किसीको भयभीत होनेका कारण नहीं है । 

क्षणिकायें 

१. १ जूनको न्यायालय आरंभ हुआ । सब अधिवक्ता कार्यमें व्यस्त होते हुये भी बैठकमें उत्साहके साथ समि्मलित हुये ।

२. रा.स्व. संघके ४-५ अधिवक्ताओंने यह कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा ऐसा कहते हुये इस कार्यको संपूर्ण सहयोग देनेका आश्वासन दिया ।

३. अधिवक्ता श्री. नागेश ताकभातेने सनातन प्रभात नियतकालिककी विशेषताएं बताते ही चार अधिवक्ता वर्गणीदार हो गये ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 

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