भोपाल – जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि, अगले साल उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ में फर्जी शंकराचार्यों को आने से रोका जाए। साथ ही वास्तविक शंकराचार्यों को सिंहस्थ स्थल से तीन से चार किमी के भीतर ही जगह सुरक्षित की जाए।
वे मंगलवार को पीपुल्स ऑडिटोरियम में आयोजित ‘वेद एवं विज्ञान’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। शंकराचार्यजी ने आधुनिक विज्ञान के संदर्भ में कहा कि, वेद विहीन विज्ञान अभिशाप के समान है। उन्होंने कहा कि विकास का प्रारूप और स्वरूप वेदों के अनुरूप निर्धारित करने की आवश्यकता है, लेकिन आज विकास को परिभाषित करने की क्षमता ही देशों के पास नहीं है।
इससे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संगोष्ठी का विधिवत शुभारंभ पादुका पूजन के साथ हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गृह मंत्री बाबूलाल गौर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद आलोक संजर, प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज श्रीवास्तव, पूर्व आईपीएस अरुण गुर्टू, भोज मुक्त विवि के कुलपति तारिक जफर सहित बड़ी संख्या में विशिष्टजन शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने दिया सिंहस्थ का आमंत्रण
मंगलवार की शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वतीजी से भेंट कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने शंकराचार्यजी को सिंहस्थ का आमंत्रण दिया।
स्त्रोत : नर्इ दुनिया