तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी एवं असहिष्णुता के नाम पर अपने पुरस्कार लौटानेवाले साहित्यकार इस घटना पर मौन है । क्यों की घायल होनेवाला एक हिंदू है । – हिन्दूजागृति
बेंगळुुरू स्थित राजगोपाल नगर के आंध्रहळ्ळी क्षेत्र के एक उपहारगृह में ४ नवंबर की रात, सुल्तान पाशा नामक व्यक्ति, हलाल बिरयानी की मांग कर रहा था । उपहारगृह के मालिक सुंदर ने उसे बताया कि, यह हलाल निषिद्ध उपहारगृह है । यहां केवल चिकन अथवा मटन के पदार्थ उपलब्ध कराए जा सकते हैं, परंतु अब यह भी संभव नहीं है क्योंकि सारे भोजन की बिक्री हो जाने के कारण उपहारगृह बंद हो रहा है ।
इस पर सुल्तान पाशा, सुंदर से झगडने लगा । उसने कहा, हिन्दुआें के सभी उपहारगृहों में हलाल (पशु को क्रूरता से मारना) का एक अनुभाग क्यों नहीं होता ? सुल्तान, उपहारगृह के रसोईघर में बलपूर्वक घुस गया और वहां से छुरा लेकर उसने तीन बार सुंदर की पीठ में छुरा घोंपा । सुंदर के गिर जाने पर अपराधी सुल्तान पाशा वहां से भाग निकला । लोगों ने राजनगर पुलिस को इसकी जानकारी दी और सुंदर को चिकित्सालय पहुंचाया । सुंदर की स्थिती चिंताजनक बताई जा रही है । सुल्तान की खोज जारी है ।
स्त्रोत : द न्यू इण्डियन एक्प्रेस