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धर्मनिरपेक्षता को टिकाए रखना केवल हिन्दुओंका ही दायित्व नहीं है – शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज

देहली की ‘तृतीय हिन्दू संसद’

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तृतीय हिन्दू संसद में उपस्थित संत-महंत एवं हिन्दुत्वनिष्ठ

नई देहली : शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज ने निश्चित रूप से ऐसा प्रतिपादित किया कि, कोई इस भ्रम में न रहे कि, देश में धर्मनिरपेक्षता एवं सहिष्णुता का वातावरण टिकाए रखना केवल हिन्दुओंका दायित्व है !

देश में रहनेवाले सभी धर्मोंके लोगोंने इस दायित्व को स्वीकार करना चाहिए।

हमेशा हिन्दू ही सहिष्णु रहें एवं अन्य धर्मियोंद्वारा हिन्दुओंके आस्थास्थानोंपर आक्रमण होते रहें, अब ऐसा नहीं चलेगा !

‘हिन्दू समाज असहिष्णु है,’ ऐसा शोर मचानेवालोंने यह समझ लेना चाहिए कि, अगर वास्तव में, जिस दिन हिन्दू समाज असहिष्णु होगा, उस दिन सभी के अस्तित्व पर संकट आएगा !

‘इस्लामीकरण की ओर तेजीसे बढनेवाला भारत एवं मौन रहनेवाला हिन्दू समाज’ इस विषय पर यहां के कॉस्टिट्युशन क्लब के मावळंकर सभागृह में हिन्दू स्वाभिमान, सांस्कृतिक गौरव संस्थान एवं अखंड भारत मोर्चा आदि संगठनोंद्वारा संघटित रूप से दो दिवसीय ‘तृतीय हिन्दू संसद’ का आयोजन किया गया था।

इस संसद में पूरे देश से अनेक संत, महंत एवं हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे। विशेष रूप से इस संसद में पाकिस्तान से आए हिन्दुओंद्वारा भी उनकी समस्याएं प्रस्तुत कि गई।

शंकराचार्य ने आगे कहा कि, हिन्दुबहुल देश में आज हिन्दुओंकी ही धार्मिक भावनाओंको कुचला जा रहा है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। आज भारत में केवल हिन्दुओंको उकसाने के लिए ही गोहत्या की जा रही हैं।

इस संसद में उपस्थित यति बाबा नरसिंहानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि, देश में अल्पसंख्यक कहलवानेवाले समाज की जनसंख्या प्रचंड गति से बढती जा रही है। इसको नियंत्रित करने हेतु भाजप शासन को त्वरित जनसंख्या विषयक कठोर कानून लागू करना चाहिए। संसद में उपस्थित धर्माभिमानीयोंद्वारा महाराज की इस मांग का समर्थन किया गया।

यदि ठीक समय पर शासनद्वारा उपाययोजना नहीं की गई, तो ‘लवजिहाद’ एवं ‘गोहत्या’, देश में ‘गृहयुद्ध’ का कारण बन सकती है ! – अधिवक्ती श्रीमती चेतना शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्षा, हिन्दू स्वाभिमान

जो समाज माता-बहनें-लडकियोंकी रक्षा करने में असफल सिद्ध होता है, वह समाज नष्ट होता है !

आज ‘लवजिहाद’ के माध्यम से भारी मात्रा में हिन्दू लडकियोंका जीवन उद्ध्वस्त हो रहा है। यदि ठीक समय पर शासनद्वारा उपाययोजना नहीं की गई, तो ‘लवजिहाद’ एवं ‘गोहत्या’ देश में गृहयुद्ध का कारण बन सकती है !

इस संसद में आचार्य धर्मेंद्र, जुना अखाडे के अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी नारायण गिरी महाराज, भाजपा के भूतपूर्व सांसद श्री. बी. एल. शर्मा, हिन्दुत्वनिष्ठ समाचार वाहिनी ‘सुदर्शन’ के मुख्य संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके, हिन्दू संसद के मुख्य आयोजक श्री. विनोद सर्वोदय एवं अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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