श्रावण कृ ११, कलियुग वर्ष ५११४
मुंबई (महाराष्ट्र) १२ जुलाई, (वृत्तसंस्था) – भाजपाके विधायक श्री. सुधीर मुनगंटीवारने विधानसभामें अशासकीय विधेयक प्रस्तुत करते समय रह्स्योद्घाटन करते हुए कहा कि आदिवासियोंका बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन करने हेतु ईसाई मिशनरियोंको विदेशसे करोडो रुपयोंकी निधि प्राप्त होती है । धर्मपरिवर्तनके लिए विदेशसे कुल मिलाकर भारतमें १ सहस्र ६६३ करोड रुपए आए हैं, जो १ सहस्र ५१५ संस्थाओंको वितरित किए गए ।
श्री. मुनगंटीवारने आगे कहा कि विदेशसे देशमें आनेवाले कुल पैसोंमें महाराष्ट्रमें ८८५ करोड १७ लाख रुपए आए हैं । वे कौनसी संस्थाओंको वितरित किए गए, उसका विनियोग किस प्रकार किया गया, क्या यह पैसा यथार्थमें निर्धनोंके हितके लिए ही उपयोगमें लाया गया अथवा धर्मपरिवर्तनके लिए प्रयुक्त किया गया, इसका कोई ब्यौरा सरकारके पास नहीं है । विदेशसे आनेवाले पैसोंके विषयमें जानकारी देनेका आश्वासन पांच वर्षपूर्व ही गृहमंत्रीद्वारा दिया गया था; परंतु अबतक यह जानकारी नहीं दी गई है । म. गांधीने सन १९२७ में कहा था कि मुझे अधिकार मिला, तो मैं प्रथम धर्मपरिवर्तन के विरोधमें कानून बनाऊंगा; परंतु यहां गांधीजीके नामपर सत्ताका उपभोग लेनेवाले धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून बनानेके लिए सिद्ध नहीं है ।
बलपूर्वक होनेवाले धर्मपरिवर्तनके विरोधमें सर्वपक्षीय विधायकोंकी समिति स्थापित की जाएगी ! – गृहराज्यमंत्री सतेज पाटील
राज्यमें मिशनरियोंकी ओरसे आदिवासियोंको विविध प्रलोभन देकर उनके बलपूर्वक होनेवाले धर्मपरिवर्तनके विरोधमें सर्वपक्षीय विधायकोंकी समिति गठित की जाएगी । विदेशसे भारतमें आनेवाले पैसोंकी जानकारी केंद्रसरकारसे लेकर तीन माहमें सभागृहमें प्रस्तुत करेंगे । उसीप्रकार बलपूर्वक होनेवाले धर्मपरिवर्तनपर नियंत्रण करनेके लिए विविध राज्योंद्वारा बनाई गई योजनाकी जानकारी लेकर उनकी शर्तें जांच कर उन्हें मंत्रिमंडलकी बैठकमे प्रस्तुत करेंगे । ( गत अनेक दशकोंसे हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन होते समय कुछ भी न करनेवाले शासक अब कुछ करेंगे, इसपर कौन विश्वास रखेगा ? – संपादक )
धर्मांध नवाब मलिकद्वारा हिंदुओके धर्मपरिवर्तनका समर्थन !
इस अवसरपर राष्ट्रवादी कांग्रेसके विधायक नवाब मलिकने कहा कि,
१. धर्मपरिवर्तन विरोधी कानूनकी मांग करनेवाले भाजपका इस माध्यमसे ‘हिंदु राष्ट्र’ स्थापित करनेका षडयंत्र है । ( हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन कर कर इस देशका इस्लामिस्तान एवं खिस्तिस्तान्ईसाईस्तान बनानेका करनेका षडयंत्र धर्माध मुसलमान एवं ईसाईयोंद्वारा पिछलगत अनेक शतकोंसे रचाया जा रहा है । इसका विरोध किया गया है; इसीलिए नवाब मलिक इसे विरोध कर रहे हैं – संपादक )
२. भाजप संघका दलाल है । ( यह पूरे विश्वको मालूम है कि संघके सांचेसे भाजपाका जन्म हुआ; परंतु उपरोक्त विधानसे नवाब मलिकने स्पष्ट किया है कि उनके जैसे मुसलमान क्रूरकर्मा एवं आक्रामक मुगलोंके ही वंशज हैं ! – संपादक )
३. बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन नहीं हो रहा है, अपितु हिंदु धर्ममें बताई गई वर्णव्यवस्थाके कारण हिंदुओंके अधिकारोंका हनन किया गया है । इसलिए वे धर्मपरिवर्तन कर रहे हैं । (नवाब मलिकका नया शोध ! – संपादक)
४. ईसाई धर्मीय अच्छी शिक्षाव्यवस्था निर्माण कर रहे हैं । इसलिए हिंदु उनके प्रभावमें आकर स्वेच्छासे धर्मपरिवर्तन कर रहे हैं । इसलिए धर्मपरिवर्तन करने हेतु प्रत्येकको स्वतंत्रता देनी चाहिए । ( इस प्रकार केवल मुसलमान होनेके कारण हिंदु हितके विरोधमें भूमिका लेकर धर्मपरिवर्तनविरोधी कानूनका विरोध करनेवाले नवाब मलिक कितने धर्मांध हैं, यही स्पष्ट होता है ! – संपादक )
५. इसपर आपत्ति जताते हुए श्री. मुनगंटीवारने कहा कि तलवारके बलपर हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन करनेवाले मुगल, औरंगजेब एवं धर्मपरिवर्तनके लिए छत्रपति संभाजी महाराजकी हत्या की । ‘हंसके लिया पाकिस्तान छीन के लेंगे हिंदुस्थान’ ऐसे उजागर रूपसे नारे लगाए जाते हैं । इसके पीछे विकृत मानसिकता है ।
६. तत्पश्चात पालघरमें स्थित शिवसेनाके विधायक श्री. विवेक पंडितने कहा कि यह सच है कि ठाणे, रायगढ जनपदके आदिवासियोंको लालच दिखाकर उनका धर्मपरिवर्तन किया जाता है । इन लोगोंपर धर्मपरिवर्तन करनेके उपरांत भी अन्याय होता है । उन्हें मृत्युके पश्चात दफनाने हेतु भूमि उपलब्ध नहीं कराई जाती । इसलिए धर्मपरिवर्तन कर कोई लाभ नहीं होता ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात