केरल हाउस गोमांस के विरोध की पृष्ठभूमि में साप्ताहिक ‘ऑर्गनाइजर’ में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि, हिन्दू गायों का सम्मान करते हैं और इसे अपनी मां की तरह मानते है। किंतु जो लोग गोमांस खाने पर जोर दे रहे हैं वे ‘हिन्दुओं को अपमानित करने की स्वतंत्रता’ और परोक्ष रूप से विवेकशील लोगों की आवाज को दबाना चाहते हैं।
इसमें कहा गया है, ‘अपनी पसंद के खाने की आजादी के नाम पर वे लोग हिन्दुओं को अपमानित करने की आजादी की मांग कर रहे हैं। उनके लिए मुद्दा खाने के मौलिक अधिकार से नहीं, अपितु हिन्दुओं को अपमानित करने के मौलिक अधिकार से जुड़ा है।’ इसमें साथ ही कहा गया है, ‘कांग्रेस की सरकार में सत्ता का स्वाद चखने वाले इन लोगों ने परोक्ष तौर पर सभी विवेकशील आवाजों को दबाया है।’
लेख में कहा गया है, ‘‘इस छद्म धर्मनिरपेक्ष जमात ने नए मुहावरे गढे हैं तथा जहां खाने की आजादी का कारण अपमानित करने की आजादी होती है। किसी भी तरह की प्रतिक्रिया को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार के अंतर्गत असहिष्णुता के रूप में प्रचारित किया जाता है। इनकी नई टैग लाइन है, ‘हिन्दुओं को कोसो, कानून को कोसो, हम धर्मनिरपेक्ष हैं।’
स्त्रोत : खबर एनडीटीव्ही