हम यहां मोदी सरकार समेत संसार के सभी देशों से कहना चाहते हैं कि, सुमदाय विशेष के लोगों का इस्लामिक स्टेट की ओर बढते झुकाव का क्या कारण है, यह देखना आवश्यक है । तथा उस पर नियंत्रण लाने के लिए मूलभूत प्रयास होने चाहिए । – हिन्दूजागृति
कुल २३ भारतीय है आईएस में
जानकारी के मुताबिक, फिलहाल २३ भारतीय नागरिक इस वक्त आईएस के लिए सीरिया और इराक में जंग लड़ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर साउथ इंडियन स्टेट्स के हैं। तमिलनाडु का हाजा फखरुद्दीन आईएस में शामिल होने वाला पहला भारतीय था। बाकी लोगों में चार महाराष्ट्र, पांच कर्नाटक, चार आंध्र प्रदेश, चार केरल, तीन तमिलनाडु, दो यूपी और एक जम्मू-कश्मीर से हैं।
पैरिस में हमला और दिल्ली में अलर्ट
होम मिनिस्ट्री में मल्टी एजेंसी सेंटर या एमएसी ने पैरिस में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद देशभर में अलर्ट जारी कर दिया। एमएसी की चिंता पैरिस और २६/११ हमलों में समानता को लेकर भी है। दोनों ही हमलों में बेकसूर लोगों को निशाना बनाया गया। होम मिनिस्ट्री की नजर ‘अंसार उल तौहीद’ पर है जो इंडियन मुजाहिदीन यानी आईएम से अलग होकर बना है। इसका नेता युसुफ अल हिंदी है। इसी ग्रुप में सुल्तान और शफी आर्मर भी हैं। खास बात यह है कि ये सभी कर्नाटक के भटकल गांव से हैं। भटकल इंडियन मुजाहिदीन के फाउंडर रियाज और इकबाल भटकल का गांव है। बताया जाता है कि ये सभी इस वक्त सीरिया या इराक में मौजूद हैं और वहां आईएस के लिए जंग लड रहे हैं।
केरल में खतरा ज्यादा
स्त्रोत : दैनिक भास्कर
अद्यावत
- ‘अल्लाह-हू-अकबर’ की घोषणा देते हुए इस्लामिक स्टेट ने पैरिस में किया जिहादी आक्रमण , १५३ की मृत्यू, २०० से अधिक जखमी
- पैरिस हमलों में शामिल आतंकवादी के शव से सीरियाई पासपोर्ट बरामद
पैरिस हमलों में शामिल आतंकवादी के शव से सीरियाई पासपोर्ट बरामद
एथेंस : फ्रांस की राजधानी पैरिस में शुक्रवार को हुए हमलों में शामिल एक आतंकवादी के यूनान के रास्ते यूरोप में प्रवेश की आशंका है। यूनान सरकार के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
एक मंत्री ने कहा कि, पैरिस हमलों में शामिल एक आतंकवादी के शव के पास एक सीरियाई पासपोर्ट मिला है जो कि उस व्यक्ति का है जिसने अक्टूबर में यूनान के लेरोस द्वीप के जरिए यूरोप में प्रवेश किया। एक सूत्र ने कहा, ‘‘इसकी काफी आशंका है कि संदिग्ध आतंकवादी ने यूनान के जरिए यूरोप में प्रवेश किया। मामले की जांच की जा रही है।’’
स्त्रोत : पंजाब केसरी
१४ नवंबर २०१५
‘अल्लाह-हू-अकबर’ की घोषणा देते हुए इस्लामिक स्टेट ने पैरिस में किया जिहादी आक्रमण , १५३ की मृत्यू, २०० से अधिक जखमी
पैरिस – फ्रांस की राजधानी पैरिस में शुक्रवार की रात ६ जगहों पर हुए सिलसिलेवार आतंकी हमले में १५८ लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि २०० अन्य घायल हैं। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से फ्रांस में यह हिंसा की अब तक की सबसे बडी घटना है। अपुष्ट रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने इन हमलों का दायित्व लिया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने राष्ट्र के नाम संदेश में देश में आपातकाल की घोषणा की है। देश की सीमा को भी बन्द कर दिया गया है। जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि, कुल आठ आतंकी मारे गए हैं, जिनमें से सात ने आत्मघाती विस्फेटों से खुद को उडा लिया।
पैरिस के निवासियों को घरों से बाहर नहीं निकलने के लिए कहा गया है। स्थानीय पुलिस की मदद के लिए सेना को भी तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। सबसे भयावह हमला बैटाकलां कॉन्सर्ट हॉल में हुआ, जहां कैलिफॉर्निया के ‘बैंड ईगल्स ऑफ डेथ मेटल’ का कार्यक्रम होने वाला था।
#BREAKING Attacker in Paris concert hall shouted 'Allahu akbar', fired into crowd, witness says
— AFP News Agency (@AFP) November 13, 2015
यहां कई लोगों को यहां बंधक बना लिया गया और हमलावरों ने बंधकों की ओर विस्फोटक उछाल दिए। थिएटर में उपस्थित आतंकी सीरिया का बदला लेने की बात कह कर गोलियां बरसा रहे थे। कुछ आतंकियों ने ‘अल्लाह-हू-अकब’र कहते हुए लोगों पर गोलिबारी की। इमारत पर धावा बोलकर पुलिस ने तीन हमलावरों को मार गिराया। पुलिस को इमारत के अंदर बेहद भयावह खूनी मंजर दिखाई दिया।
पैरिस के प्रॉसिक्यूटर फ्रांस्वा मोलिंस ने कहा कि, यहां पांच हमलावर मारे गए। १० महीने पहले हुए शार्ली ऐब्दो हमले के कारण शहर में भय का वातावरण था और अब हुए इन हमलों के कारण लोगों में भय और बढ गया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि, समारोह सभागृह में हुई मौतों के अलावा पैरिस के १०वें प्रांत के एक रेस्तरां में ११ लोग मारे गए। तिसरा हमला पैरिस के आंतरराष्ट्रीय स्टेडियम से सटे एक बार के पास हुआ। इसमें कम-से-कम तीन लोग मारे गए।
कहा जा रहा है कि यहां पर आत्मघाती हमला हुआ था। उस समय स्टेडियम में फ्रांस और जर्मनी के बीच फुटबॉल मैच खेला जा रहा था। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद भी मैच देख रहे थे, लेकिन उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया।
स्टेडियम से निकलने के बाद ओलांद ने अपने संबोधन में कहा, ‘देश दृढता के साथ एकजुट होकर खडा रहेगा। यह एक कडी परीक्षा है, जिसने एक बार फिर हम पर हमला बोला है।’
उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि यह किसने किया है, अपराधी कौन हैं और ये आतंकी कौन हैं?’ ये हमले एक ऐसे समय पर किए गए हैं, जब फ्रांस ने एक बड़े वैश्विक जलवायु सम्मेलन से पहले हिंसक प्रदर्शनों और संभावित आतंकी हमलों के डर से सुरक्षा प्रबंधों को बहुत मजबूत किया हुआ है।
यह सम्मेलन दो सप्ताह में शुरू होने वाला है। ओलांद को इस सप्ताह के अंत में तुर्की में होने वाले जी-२० शिखर सम्मेलन में भाग लेने जाना था, लेकिन उन्होंने इस यात्रा को रद्द कर दिया है।
जिन दो रेस्तरांओं को निशाना बनाया गया, उनमें से एक ली कैरिलन है, जो कि शार्ली ऐब्दो के ऑफिस के पड़ोस में ही है। जिहादियों ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया में हमले की तत्काल सराहना की और इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों के खिलाफ फ्रांस के सैन्य अभियानों की आलोचना की है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर